लंदन के प्रोफेसर और महामारी पर सरकार के प्रमुख सलाहकार नील फर्गुसन ने चेताया है कि ब्रिटेन में कोरोना वायरस के कारण इस साल एक लाख लोग मर सकते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा सिर्फ बुजुर्गों को बचाने के लिए अगर क्रमिक लॉकडाउन उठाया जाता है. इससे पहले एक नये अध्ययन में अगस्त के शुरुआत तक 60 हजार लोगों के मरने की आशंका जताई गई थी.
विशेषज्ञों ने ब्रिटेन में लॉकडाउन को जल्दी उठा लिए जाने पर बड़े पैमाने पर कोरोना वायरस के कारण मौत होने की आशंका जताई है. इम्पीरियल कॉलेज, लंदन के प्रोफेसर और महामारी पर सरकार के प्रमुख सलाहकार नील फर्गुसन ने चेतावनी दी है कि ऐसा करने पर कोरोना वायरस महामारी का शिकार ब्रिटेन में एक लाख लोग हो सकते हैं. सरकार के प्रमुख सलाहकार नील फर्गुसन ने जोर दिया कि सोशल आइसोलेशन वैक्सीन के ईजाद होने तक जरूरी है. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन दक्षिण कोरिया जैसे उपाय अपना सकता है अगर संक्रमण के दर को नीचे रखना है. ब्रिटेन ने 24 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा की थी. प्रोफेसर ने माना कि लॉकडाउन के उपाय काम कर रहे हैं मगर मुल्क को इसके प्रति ध्यान दिए जाने की जरूरत है.
सरकार के सलाहकार का कहना है कि अगर स्वस्थ लोग काम पर जाएं और कमजोर लोग लॉकडाउन में रहें तो इससे वायरस के कारण मौत में जबरदस्त वृद्धि होगी. उन्होंने सोशल आइसोलेशन को लागू किए रहने पर जोर दिया. हालांकि महामारी से ब्रिटेन की लड़ाई को उस वक्त झटका लगा जब विदेश सचिव ने बताया कि वैक्सीन की तैयारी में कुछ और देरी होगी. इस बीच जानेमाने ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने लॉकडाउन खत्म करने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. उनकी चेतावनी उस वक्त आई है जब ब्रिटेन की सरकार लॉकडाउन से बाहर निकलने के विकल्पों पर विचार कर रही है. गौरतलब है कि कुछ यूरोपीय मुल्कों ने भी लॉकडाउन नियमों में ढील देना शुरू कर दिया है.
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