Rishi Sunak Vs Liz Truss: ब्रिटेन को मिलने वाला है नया प्रधानमंत्री, जानें भारतीय मूल के ऋषि सुनक PM की कुर्सी से कितने दूर
Britain News: ब्रिटेन में कई हफ्तों तक चली प्रक्रिया के बाद पीएम पद के लिए चुनाव पूरा हो चुका है. इस पद के लिए भारतीय मूल के ऋषि सुनक अपनी ही पार्टी की उम्मीदवार लिज ट्रस से कड़े मुकाबले में हैं.
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UK Elections: ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद के लिए मतदान (British PM Election) पूरा हो चुका है और पांच सितंबर को नतीजों का एलान कर दिया जाएगा. ब्रिटेन (Britain) में मुख्य तौर दो बड़ी पार्टी हैं- कंजर्वेटिव पार्टी (Conservative Party) और लेबर पार्टी (Labour Party). इस चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी से ही दोनों उम्मीदवार ऋषि सुनक (Rishi Sunak) और लिज ट्रस (Liz Truss) पीएम पद के लिए आमने-सामने हैं. भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के वित्त मंत्री रह चुके हैं और लिज ट्रस फिलहाल ब्रिटिश विदेश मंत्री हैं.
ब्रिटेन में प्रधानमंत्री का चुनाव सीधे जनता नहीं करती है, बल्कि यह चुनाव उम्मीदवारों द्वारा बहसों दौरान कई चरणों से गुजरता है और हाउस ऑफ कॉमन्स के सांसद और पार्टी के सदस्य वोट डालकर पीएम को चुनते हैं. हाउस ऑफ कॉमन्स भारत की लोकसभा की तरह ब्रिटेन का सदन है. हाउस ऑफ कॉमन्स में पहुंचने वाले सांसदों का चुनाव जनता करती है. ब्रिटेन में कुल 650 संसदीय क्षेत्र हैं. जिनमें 533 इंग्लैंड में, 59 स्कॉटलैंड में, 40 वेल्स और 18 नॉर्दर्न आयरलैंड में हैं. ब्रिटेन की महारानी संसदीय प्रक्रिया द्वारा सामने आए पीएम के नाम पर मुहर लगाती हैं. कहा जा रहा है कि इस बार कंजर्वेटिव पार्टी के लगभग 1,60,000 सदस्यों ने पीएम के लिए मत का प्रयोग किया.
प्री पोल सर्वे में क्यों पिछड़े ऋषि सुनक?
ऋषि सुनक ने ब्रिटेन में महंगाई पर लगाम लगाने के एलान के साथ चुनावी मैदान में हैं. वहीं, लिज ट्रस ने पीएम बनने पर टैक्स में कटौती करने का वादा किया है. कंजर्वेटिव सांसदों द्वारा अंतिम दो उम्मीदवार चुने जाने के वक्त सुनक ट्रस से आगे थे लेकिन इसके बाद आए लगभग सभी प्री पोल सर्वे के नतीजों में उनके पिछड़ने की बात कही गई. सर्वेक्षणों में सुनक के ट्रस से पिछड़ने के पीछे कई वजहें बताई जा रही हैं. एक वजह में सुनक द्वारा बोरिस जॉनसन का विरोध बताया जा रहा है. दरअसल, इसी साल जुलाई में ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए पार्टी के कई नेताओं ने इस्तीफा दिया था, जिनमें ऋषि सुनक भी शामिल थे. सुनक ने ब्रिटेन के वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा दिया था जबकि लिज ट्रस ने जॉनसन के साथ वफादारी दिखाई थी.
दूसरी वजह मुद्दों को लेकर है. कहा जा रहा है कि लिज ट्रस द्वारा टैक्स कटौती का वादा लोगों को लुभा रहा है. ट्रस ने पीएम बनने पर टैक्स में 1.25 फीसदी तक की कटौती का वादा किया था जबकि सुनक टैक्स बढ़ाने पर जोर देते रहे हैं. तीसरी वजह जॉनसन द्वारा सुनक का विरोध है. चुनाव की शुरुआत में ही बोरिस जॉनसन ने स्पष्ट कर दिया था कि वह सुनक को पीएम बनता नहीं देख सकते हैं. उन्होंने कहा था कि वह किसी का भी समर्थन कर सकते हैं लेकिन सुनक का नहीं.
हालांकि, सुनक का समर्थन कर रहे लोगों ने उम्मीद जताई है कि सर्वे गलत साबित होंगे. ऐसा 2019 के आम चुनाव में हो चुका है जब बोरिस जॉनसन भी सर्वे के अनुमान के उलट पीएम बने थे. ऋषि सुनक पीएम की कुर्सी से कितनी दूर हैं, इस बारे में केवल अनुमान लगाया जा सकता है. सोमवार को नतीजे घोषित होने के साथ ही स्थिति स्पष्ट हो जाएगी.
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