Britain: 'अब बहुत हो गया'... जानें ब्रिटेन में डिबेट के दौरान क्या बोले भारतवंशी ऋषि सनक?
Britain Politics: ब्रिटेन में पीएम पद की दौड़ में भारतवंशी ऋषि सुनक के अलावा पेनी मोर्डंट (Penny Mordaunt), टॉम तुगेंडहाट (Tom Tugendhat), केमी बैडेनोच और लिज़ ट्रस शामिल हैं.
Britain Tory Leadership Debate: ब्रिटेन में पीएम पद की रेस को लेकर गहमागहमी जारी है. भारतवंशी ऋषि सुनक (Rishi Sunak) पीएम पद के लिए दावेदारों में अभी सबसे आगे हैं. इस बीच ब्रिटेन में टोरी लीडरशिप डिबेट (Britain Tory Leadership Debate) के दौरान ऋषि सुनक ने खुलासा किया है कि उन्होंने बोरिस जॉनसन की सरकार (Boris Johnson) से इस्तीफा क्यों दिया था? बहस के दौरान उन्होंने कहा कि इस्तीफा देने से पहले उन्होंने बहुत सोचा था, लेकिन उन्हें लगा कि अब बहुत हो गया है.
पीएम पद के लिए रेस में सबसे आगे चल रहे ऋषि सुनक ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि मैंने निजी तौर पर प्रधानमंत्री के साथ असहमति जताई है. ऋषि सुनक के अलावा पेनी मोर्डंट (Penny Mordaunt), टॉम तुगेंडहाट (Tom Tugendhat), केमी बैडेनोच और लिज़ ट्रस सभी इस दौड़ में शामिल हैं.
टीवी बहस में टैक्स को लेकर भिड़े उम्मीदवार
ब्रिटेन में टीवी पर बहस के दौरान कंजर्वेटिव नेतृत्व की दौड़ में अंतिम पांच उम्मीदवार अपनी टैक्स योजनाओं को लेकर भिड़ते दिखे. ब्रिटेन के पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सनक ने अपने प्रतिद्वंद्वियों द्वारा उधार और अधिक कर्ज की अप्रतिबंधित होड़ के रूप में टैक्स कटौती के वादे को खारिज कर दिया. वहीं, इस दौरान विदेश सचिव लिज़ ट्रस ने कहा कि आप विकास के लिए अपना रास्ता नहीं चुन सकते हैं.
पेनी मोर्डंट और सुनक ने क्या कहा?
इसके अलावा डिबेट के दौरान पीएम की रेस में शामिल उम्मीदवार पेनी मोर्डंट ने कहा कि लोगों को अब मदद की ज़रूरत है और टैक्स के बोझ में बदलाव के बिना ये संभव नहीं है. ऋषि सुनक ने जोर देकर कहा कि वह ट्रेजरी को लेकर सही और कठोर फैसला लिया था, जैसे कि स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल के लिए राष्ट्रीय बीमा को बढ़ाना. अब टैक्स कटौती का वादा एक परी कथा के समान है.
18 जुलाई को होगी अगले दौर की वोटिंग
ब्रिटेन में टीवी चैनल पर 90 मिनट की बहस में पीएम की रेस (Britain PM Race) में शामिल उम्मीदवारों से यह भी पूछा गया कि बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) एक ईमानदार व्यक्ति हैं या नहीं? कंजर्वेटिव पार्टी के नेता और ब्रिटेन के अगले प्रधान मंत्री बनने की दौड़ में प्रतियोगियों का सामना करने वाली तीन टीवी बहसों में से यह पहली चर्चा थी. शुक्रवार को हुई बहस में उम्मीदवारों का प्रदर्शन सोमवार यानी 18 जुलाई को कंजर्वेटिव सांसदों के मतदान के तरीके को प्रभावित कर सकता है.
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