ब्रिटेन के PM केर स्टार्मर की बढ़ी टेंशन, परिवहन मंत्री लुईस हेइग ने अचानक इस्तीफा देकर चौंकाया
Britain's PM Thanked Louise Haigh : लुईस हेइग के इस्तीफा देने के बाद पीएम केर स्टार्मर ने उनका कार्यों के लिए उन्हें धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि हेइग ने देश के रेलवे के लिए बड़ी प्रगति हासिल की थी.
Britain’s Transport Secretary Resign : ब्रिटेन की परिवहन मंत्री लुईस हेइग ने शुक्रवार (29 नवंबर) को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इस्तीफे के पीछे का कारण लुईस हेइग के ब्रिटेन संसद सदस्य बनने से पहले एक अपराध को स्वीकार करने का खुलासा था. परिवहन मंत्री का इस्तीफा प्रधानमंत्री केर स्टार्मर के नेतृत्व वाली लेबर पार्टी की सरकार की जुलाई में आम चुनाव जीतकर सत्ता में आने के बाद पार्टी के किसी सदस्य की ओर से दिया गया पहला इस्तीफा है.
परिवहन मंत्री ने कब की त्यागपत्र देने की घोषणा
लुईस हेइग ने अपनी त्यागपत्र की घोषणा तब की जब मीडिया के सामने ये बात आई कि 2013 में लूट के दौरान उन्होंने पुलिस से गलत तरीके से बताया था कि उनका मोबाइल चोरी हो गया था. हालांकि, उन्होंने बाद में फोन ढूंढ लिया. लेकिन, पुलिस को इसकी सूचना नहीं दी. ब्रिटिश मीडिया के अनुसार, उन्होंने 2014 में अदालत में धोखाधड़ी का अपराध स्वीकार किया था. जिसके बाद उन्हें बिना किसी और कार्रवाई के मुक्त कर दिया गया था.
त्यागपत्र में लुईस हेइग ने क्या लिखा?
डाउनिंग स्ट्रीट की ओर से प्रकाशित त्यागपत्र में लुईस हेइग ने लिखा, ‘मैं सरकार के लिए डिस्ट्रैक्शन का कारण नहीं बनना चाहती थी.’ उन्होंने लिखा, ‘मैं अपनी राजनीतिक प्रोजेक्ट के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध हूं, लेकिन अब मुझे विश्वास है कि मेरा सरकार से बाहर रहते हुए आपका समर्थन करूं, यही सबके लिए अच्छा होगा.’
प्रधानमंत्री ने लुईस हेइग का किया धन्यवाद
लुईस हेइग के त्यागपत्र देने के बाद प्रधानमंत्री केर स्टार्मर ने उनका कार्यों के लिए उन्हें धन्यवाद दिया. प्रधानमंत्री ने कहा कि हेइग ने देश के रेलवे को पब्लिक ऑनरशिप में वापस लाने के लिए "बड़ी प्रगति" हासिल की थी.
बता दें कि इससे पहले अक्टूबर महीने में पीएम स्टार्मर ने अपनी चीफ ऑफ स्टाफ सू ग्रे को भी खो दिया था. जो कई महीनों तक मीडिया की स्क्रूटनी में थी.
हेइग ने नई हाई-स्पीड ट्रेन की निरीक्षण की थी
उल्लेखनीय है कि लुईस हेइग ने हाई-स्पीड HS2 ट्रेन के नए प्रोजेक्ट की निरीक्षण किया था. जो कि पिछले कंजर्वेटिव सरकार के रेलवे के महत्वपूर्ण हिस्सों को उच्च लागत के कारण नष्ट किए जाने के बाद विवादों में घिरा हुआ था. इसके अलावा वह सरकार की योजना के तहत देश की रेलवे सेवाओं को पुनः राष्ट्रीयकरण करने के लिए जिम्मेदार थीं, जिसे पिछले हफ्ते ही संसद से मंजूरी मिली थी.