ब्रिटेन की रहनेवाली 91 वर्षीय महिला ने इतिहास रच दिया है. मानव परीक्षण से बाहर कोविड-19 का बूस्टर डोज लगवानेवाली दुनिया की पहली शख्स होने का तमगा अपने नाम किया है. मार्गेट कीनन ने वार्विकशायर के यूनिवर्सिटी हॉस्पीटल कोवेंट्री आकर अपना तीसरा कोविड इजेंक्शन लगवाया. चार पोते-पोतियों की दादी मां इससे पहले भी 8 दिसंबर को स्वीकृत कोविड वैक्सीन लगवाकर पहली शख्स होने का इतिहास रचा था.
91 वर्षीय दादी बनी दुनिया की पहली शख्स
कीनन को पहला और दूसरा डोज लगाने वाली अस्पताल की नर्स मेय पार्सन्स ने उनके साथ अपना तीसरा इंजेक्शन हासिल किया. ब्रिटेन में सर्दियों के दौरान चौथी लहर को टालने और सुरक्षा बढ़ाने के लिए अभियान पहले से चल रहा है. खुद को मैगी के नाम से कहलाना पसंद करनेवाली महिला मात्र 5 वर्ष पहले जेवरात की दुकान में सहायक के तौर पर रिटायर हुई हैं. उन्होंने बूस्टर हासिल करने पर बेहद खुशी जताई है और दूसरों को आगे आकर वैक्सीन लगवाने का निवेदन किया. उन्होंने कहा, "मुझे सचमुच नहीं पता कि आखिर लोगों को लगवाने से क्या रोक रहा है, हो सकता है उनको सुई का खौफ हो, लेकिन डरने की कोई बात नहीं."
कोविड-19 के खिलाफ लगवाया बूस्टर डोज
स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने कुछ दिनों पहले पुष्टि की थी कि ब्रिटेन में 32 मिलियन लोगों को उनके दूसरे डोज के छह महीनों बाद बूस्टर लगाया जाएगा. केयर होम में रहनेवाले बुजुर्ग, 50 की उम्र पार, स्वास्थ्य और सोशल केयर वर्कर्स और 16 वर्ष से ऊपर के छिपी हुई स्थितियों वाले सभी तीसरे इंजेक्शन के पात्र होंगे क्योंकि उनको कोरोना संक्रमण का गंभीर जोखिम है. कीनन ने कहा, "मेरे लिए दिसंबर में कोविड के खिलाफ टीकाकरण कराने का पहला शख्स बनना सम्मान की बात थी. मुझे अब बाहर जाने में बिल्कुल आत्मविश्वास है. मैं बेहद खुशी महसूस करती हूं कि मैंने इसे लगवाया. ये उनकी जिंदगी, उनके परिवार की जिंदगी बचा रहा है और ये नेशनल हेल्थ सर्विस की मदद कर रहा है, अब मैं ज्यादा क्या कह सकती हूं, जाओ वैक्सीन लगवाओ, आप बहुत अच्छा महसूस करेंगे, ये आपकी और दूसरों की मदद करने जा रहा है."
आइसलैंड ने दुनिया के सामने पेश किया शानदार उदाहरण, संसद में महिलाओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा