Boris Johnson Resign: ब्रिटेन सरकार में मौजूद मंत्री अचानक पीएम बोरिस जॉनसन का साथ छोड़ने लगे. इस्तीफों की झड़ी लग गई, जिसके बाद ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. ऐसा उन्होंने इसलिए किया क्योंकि वो चौतरफा विवादों में घिर चुके थे. पार्टी के अंदर बगावत के सुर काफी पहले से उठ रहे थे, जिसने बाद में एक साथ करीब 50 इस्तीफों की शक्ल ले ली. मजबूरन बोरिस जॉनसन को इस्तीफा देने का फैसला लेना पड़ा. आइए समझते हैं आखिर बोरिस जॉनसन को अपनी कुर्सी क्यों छोड़नी पड़ी.
देश के नाम संबोधन में इस्तीफे का ऐलान
बीती रात लंदन में यूके के प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास 10, डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर लोगों की और पत्रकारों की भीड़ थी. क्योंकि ये तय था कि देश के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अपने इस्तीफे का ऐलान करेंगे. बोरिस जॉनसन आए और अपने इस्तीफे का ऐलान किया. उन्होंने अपने संबोधन में कहा, "ये साफ है कि पार्लियामेंट्री कंजर्वेटिव पार्टी की इच्छा है कि एक नया नेता होना चाहिए, इसलिए एक नया प्रधानमंत्री भी होगा और मैं अपने सांसदों के चेयरमैन की इस बात से सहमत हूं कि नये नेता का चुनाव होना चाहिए. इसका टाइम टेबल अगले हफ्ते बताया जाएगा. जब तक नया नेता नहीं चुना जाता तब तक मैं सेवारत रहूंगा."
अब ये कहा जा रहा है कि अक्टूबर तक बोरिस जॉनसन अपने पद पर बने रहेंगे और इस बीच उनकी कंजर्वेटिव पार्टी प्रधानमंत्री के लिए नया नेता चुनेगी. लेकिन सवाल ये है कि ये सब कैसे हुआ? आखिर क्यों बोरिस जॉनसन के इस्तीफे की नौबत आई. असल में बोरिस पर उनके खुद के ही मंत्रियों और सरकार के सदस्यों का भरोसा नहीं रह गया था. एक एक करके सारे मंत्री इस्तीफा दे रहे थे. बोरिस जॉनसन के इस्तीफे से पहले उनकी सरकार के 50 से ज्यादा सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया था. पर ये नौबत क्यों आई... ये समझने के लिए आपको इस घटनाक्रम में थोड़ा पीछे जाना होगा.
ये है बगावत की वजह
ये पूरी बगावत बोरिस जॉनसन की पार्टी के ही सांसद क्रिस पिंचर की वजह से हुई है. 30 जून को ब्रिटेन अखबार द सन में एक रिपोर्ट छपी, जिसमें दावा किया गया कि सत्ताधारी कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद क्रिस पिंचर ने लंदन के प्राइवेट क्लब में दो मर्दों को आपत्तिजनक तरीके से छुआ. बोरिस जॉनसन ने इसी साल फरवरी में पिंचर को पार्टी का डिप्टी चीफ व्हिप नियुक्त किया था. लेकिन इन आरोपों के सामने आने के बाद पिंचर को इस्तीफा देना पड़ा. इन आरोपों के बाद हाल के वर्षों में पिंचर के कथित यौन उत्पीड़न के 6 और केस आए.
स्कैंडल में बोरिस जॉनसन का क्या रोल?
अब ये समझिए कि इस स्कैंडल की आंच में ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन कैसे आ गए. बोरिस जॉनसन सीधे इस स्कैंडल में लिप्त नहीं हैं, लेकिन इस स्कैंडल ने उन्हें मुश्किल में जरूर डाल दिया है. 1 जुलाई को ब्रिटेन सरकार की तरफ से कहा गया कि प्रधानमंत्री को पिंचर की नियुक्ति से पहले उन पर लगे आरोपों की जानकारी नहीं थी. लेकिन 4 जुलाई को ये जानकारी सामने आई कि बोरिस जॉनसन को ऐसे आरोपों की शुरू से ही जानकारी थी. इसके बावजूद उन्होंने पिंचर को पार्टी का डिप्टी व्हिप बनाया. जिसके बाद एक एक करके उनकी कैबिनेट के साथियों ने इस्तीए देने शुरू किये.
इन आरोपों के बाद ब्रिटेन की पार्लियामेंट में विपक्षी लेबर पार्टी ने बोरिस जॉनसन की धज्जियां उड़ा दीं. उनसे ऐसे सवाल जवाब हुए, जैसे अदालत में वकील आरोपी से करते हैं. इस संसदीय कार्यवाही में भी बोरिस जॉनसन ने स्वीकार किया कि उन्हें जानकारी थी और उन्होंने माफी भी मांगी.
बोरिस जॉनसन ने कहा - लिया गया था एक्शन
लेबर पार्टी की नेता कीर स्टैर्मर ने कहा कि, हम उन सबको याद दिलाना चाहते हैं, जो इस प्रधानमंत्री का बचाव कर रहे हैं कि स्थिति कितनी गंभीर है. वो जानते थे कि ये आरोपी मंत्री पहले भी इस तरह का घटिया काम कर चुके हैं. लेकिन इन्होंने उसे सारी पावर देकर आगे बढ़ाया, क्यों ? इसका जवाब देते हुए बोरिस जॉनसन ने कहा था कि, जैसे ही मुझे इन आरोपों के बारे में पता चला, जो इन्होंने अभी बताए हैं, तो मैंने एक्शन लिया और उन्हें कंसर्वेटिव सांसद का पद भी खोना पड़ा और उनके खिलाफ एक स्वतंत्र जांच हो रही है. इसके बाद से ही इस्तीफों का दौर शुरू हो गया और बोरिस जॉनसन को अपनी कुर्सी छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा.
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