(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने लगवाया एस्ट्राजेनेका का टीका, वैक्सीन पर उठाए जा रहे संदेहों को किया खारिज
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने एस्ट्राजेनेका का टीका लगवाने के बाद वैज्ञानिकों का आभार व्यक्त किया और कहा कि उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं हुई.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने शुक्रवार को कोविड-19 वैक्सीन एस्ट्राजेनेका का पहला टीका लगाने के साथ ही इस वैक्सीन को लेकर उठाए जा रहे संदेहों को भी खारिज किया है. उन्होंने सभी लोगों से इसके इस्तेमाल की अपील करते हुए कहा कि, "वैक्सीन लगाने से उन्हें किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई."
लंदन के सेंट थॉमस अस्पताल में वैक्सीन का टीका लगवाने के बाद जॉनसन ने कहा, "वैक्सीन लगाकर मुझे अच्छा महसूस हो रहा है. ये बहुत जल्दी हो गया और मुझे कोई परेशानी भी नहीं हुई." उन्होंने कहा, "मैं लोगों से अपील करता हूं, जब भी आपको वैक्सीन लगवाने को लेकर निर्देश मिले, आप जरूर जाए ये आपके साथ साथ आपके परिवार और आपके आसपास सभी के लिए बेहतर होगा."
प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ट्वीट करके वैज्ञानिकों का किया धन्यवाद
प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ट्वीट करते हुए कहा, "मैंने अभी अभी ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का अपना पहला टीका लगवाया है. इस अवसर पर मैं इस कार्य में लगे सभी असाधारण वैज्ञानिकों, NHS स्टाफ और वालंटियर्स का धन्यवाद करता हूं. हमारी जिंदगी को वापस पटरी पर लाने के लिए वैक्सीन सबसे बेहतर विकल्प है." बता दें कि, ब्रिटेन में कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण अभियान तेजी से चल रहा है. यहां के आधे से ज्यादा वयस्कों को अब तक इसकी पहली डोज दी जा चुकी है.
कुछ देशों ने लगाई थी इस्तेमाल पर रोक
गौरतलब है कि फ्रांस, स्पेन, इटली और जर्मनी ने एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी. इन देशों का कहना था कि वैक्सीन के इस्तेमाल से लोग खून के थक्कों की शिकायतें कर रहे हैं. डब्ल्यूएचओ और यूरोपीय संघ की ड्रग रेगुलेटरी एजेंसी ने वैक्सीन को पूरी तरह सुरक्षित बताते हुए कहा था, "हमारी वैज्ञानिक राय ये है कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन लोगों को कोविड-19 से बचाने में पूरी तरह से सेफ और प्रभावकारी है. ऐसी खबरें मिली थी कि टीकाकरण कराने के बाद कुछ लोगों ने ब्लड क्लॉटिंग की शिकायत की है. लेकिन जांच करने के बाद ये पाया गया है कि ब्लड क्लॉटिंग या ब्रेन हैम्ब्रेज जैसी समस्याओं का वैक्सीन से कोई संबंध नही है.” इसके बाद ज्यादातर यूरोपीय देशों ने इसके दोबारा इस्तेमाल को मंजूरी दे दी थी.
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