(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
पूछा गया किसान के बारे में, जवाब मिला पाकिस्तान के बारे में, क्यों कन्फ्यूज हुए ब्रिटेन के पीएम
ब्रिटिश संसद में सांसद तरनजीत सिंह धेसी ने भारत में किसानों के प्रदर्शन के मुद्दों को उठाया. इसके बाद जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन खड़े हुए.
नई दिल्ली: केंद्र की तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. इसी मुद्दे को आज ब्रिटिश संसद में सांसद तरनजीत सिंह धेसी ने उठाया. उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने किसानों पर कार्रवाई की. लेबर पार्टी के सांसद ने कहा कि क्या पीएम बोरिस जॉनसन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हमारी चिंताओं से अवगत कराएंगे?
इसका जवाब देने के लिए उठे पीएम बोरिस जॉनसन कन्फ्यूज दिखे. उन्होंने भारत-पाकिस्तान के मुद्दों पर चिंताएं जताई. बोरिस जॉनसन ने कहा, ''हमारा विचार है कि भारत और पाकिस्तान के बीच निश्चित रूप से जो कुछ भी हो रहा है, उसके बारे में हमारी गंभीर चिंताएं हैं, लेकिन यह मुद्दा दोनों देशों की सरकारों के लिए महत्वपूर्ण हैं.''
अपने सवालों और प्रधानमंत्री के जवाब का वीडियो तरनजीत सिंह धेसी ने ट्विटर पर साझा किया है. उन्होंने लिखा, ''किसान बिल 2020 के विरोध में शांतिपूर्ण तरीके से भारत में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पानी की बौछार की गई, आंसू गैस के गोले छोड़े गए. यह देख कई लोग भयभीत थे. सभी को शांतिपूर्वक विरोध करने का मौलिक अधिकार है. लेकिन मदद कर सकता है कि हमारे पीएम किसकी बात कर रहे हैं.''
Many were horrified to see water cannon, tear gas and brute force being used against farmers peacefully protesting in India about #FarmersBill2020.
Everyone has the fundamental right to protest peacefully. But it might help if our PM actually knew what he was talking about! pic.twitter.com/EvqGHMhW0Y — Tanmanjeet Singh Dhesi MP (@TanDhesi) December 9, 2020
बता दें कि पिछले दिनों ब्रिटेन में विभिन्न दलों के 36 सांसदों के एक समूह ने विदेश मंत्री डॉमिनिक राब को पत्र लिख कर कहा कि भारत में किसानों के आंदोलन का ब्रिटिश पंजाबी लोगों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में वह अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर को अवगत कराएं.
विदेशी नेताओं के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने कहा है कि ऐसी टिप्पणियों भ्रामक सूचनाओं पर आधारित हैं और इस तरह की टिप्पणियां अनुचित हैं क्योंकि यह मामला एक लोकतांत्रिक देश के आंतरिक मामलों से संबंधित है.