Global Summit On AI: दुनिया में अब एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial intelligence) का बोलबाला बढ़ रहा है. ऐसे में ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने घोषणा की है कि उनका देश पहले एआई विश्व सम्मेलन की मेजबानी करेगा. ऋषि सुनक अमेरिका (America) दौरे पर गए थे, वहां उन्होंने कहा- ब्रिटेन (UK) इस साल के अंत में पहली बार वैश्विक शिखर सम्मेलन आयोजित कराएगा.
ईवनिंग स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक जिस वैश्विक शिखर सम्मेलन की बात कर रहे हैं उसमें प्रमुख देशों, प्रमुख तकनीकी कंपनियों और शोधकर्ताओं को एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सबसे महत्वपूर्ण जोखिमों के मूल्यांकन और निगरानी के लिए सुरक्षा उपायों पर सहमत होने के लिए एक साथ लाया जाएगा. बता दें कि आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) को हिंदी में 'कृत्रिम बुद्धि' कहा जाता है.
क्या है आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI)?
यह एक उन्नत तकनीक है, जो आमतौर पर एल्गोरिदम, कंप्यूटर या रोबोट की एक श्रृंखला द्वारा चलाई जाती है, और इंसान की बुद्धि का अनुकरण करने के लिए रीयल-टाइम डेटा का उपयोग करती है. विशेषज्ञों का कहना है कि आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) इंसान के विवेक को दोहरा सकता है और रीयल-टाइम में निर्णय ले सकता है. इस तकनीक का प्रयोग चिकित्सा क्षेत्र में ऑपरेशन, एक्स रे, बीमारी का पता लगाने, जांच, रेडियोसर्जरी जैसे कामों में किया जा सकता है.
यह उपयोगी होने के साथ-साथ खतरनाक भी
कुछ तकनीक विशेषज्ञ आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) को दुनिया के लिए खतरनाक भी मानते हैं. जेफ्री हिंटन ने द न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) मानव समाज के लिए गहरा जोखिम उत्पन्न कर सकता है. उनके मुताबिक, AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आने वाले समय में मनुष्यों से भी काफी तेज निकल जाएगा. उन्होंने कहा कि इसका उपयोग युद्ध जैसे मौकों पर भी किया जा सकता है, जिसमें ये बेहद नुकसानदायी साबित होगा.
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