Ukraine Russia War: 50 दिनों से चली आ रही इस जंग में रूस और यूक्रेन दोनों ही देश आक्रामक रुख पर कायम है. कोई पीछे हटने को तैयार नहीं है. इन 50 दिनों में युद्ध की एक सबसे क्रूर तस्वीर भी दिखी. जिसने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया और रूस के खिलाफ खड़ा कर दिया. पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर बूचा में नरसंहार की तस्वीरें वायरल हो रही है जिसे देखकर किसी भी इंसान का कलेजा छलनी हो सकता है.
ऐसे ही हमलों के जरिए जहां रूस धीरे-धीरे यूक्रेन के एक-एक शहर पर कब्जा जमाता जा राह है. तो वहीं यूक्रेन भी जंग के मैदान में रूस से मोर्चा ले रहा है. इस युद्ध में यूक्रेन की मदद में अमेरिका और यूरोपियन यूनीयन सामने आए. जिनके भेजे गए हथियारों और पैसों के बूते यूक्रेन रूस के खिलाफ युद्ध लड़न का माद्दा दिखा रहा है. इन 50 दिनों से चल रहे युद्ध में जहां एक तरफ यूक्रेन के लगभग सभी बड़े शहर बर्बाद हो गए हैं वहीं रूस को दुनिया के कई देशों की नाराजगी का सामना करना पड़ा. पश्चिम के कईं देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए जिसकी वजह से रूस की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है.
दूसरी तरफ बीते 50 दिनों में यूक्रेन को कई बड़े देशों का सहारा मिला है. पश्चिमी सीमा के जरिए यूक्रेन में हथियारों का बड़ा जखीरा पहुंचा. तो कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष खुद यूक्रेन की जमीन पर पहुंच गए. इनमें सबसे बडा़ नाम ब्रिटेन के पीएम बोरस जॉनसन का रहा. बोरिस जॉनसन ने राष्ट्रपति जेलेंस्की से मिलकर यूक्रेन की मदद के नए पैकेज का ऐलान कर दिया है.
बूचा नरसंहार
यूक्रेन का दावा है कि इस युद्ध में रूस ने सभी नियमों को तोड़ते हुए बूचा शहर में आम नागरिकों को मारा है. इस नरसंहार के बाद सबसे पहले यूरोपीयन यूनियन की प्रेसिडेंट उर्सुला वॉन डेर लियेन यूक्रेन पहुंची और उन्होंने बूचा शहर का जायजा लिया. बूचा के मेयर अनातोली फेडोरुक ने बताया कि, अकेले बूचा में ही 403 शव मिले हैं. मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि इस क्षेत्र में माइनस्वीपर्स की तलाशी ली जा रही है. अधिकारियों ने बताया कि शेवचेनकोव गांव में एक तहखाने में छह नागरिकों के शव बंदूक की गोली के घाव के साथ मिले थे और माना जा रहा है कि इसके लिए रूसी सेना जिम्मेदार है.
हालांकि बूचा नरसंहार के बाद हुई आलोचना के बाद भी रूसी सैनिक सुधरते नहीं दिख रहे हैं. अब भी वे आम लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं. यूक्रेन के आंतरिक मंत्रालय के मुताबिक, रूस ने फिर बर्बरता दिखाई है और रूसी सैनिको के हमले से बूचा और कीव के अन्य उपनगरों में 720 से अधिक लोग मारे गए हैं, जबकि 200 से अधिक लापता हैं.
परमाणु हमले की धमकी
रूस इस युद्ध के दौरान न्यूक्लियर हथियारों की धमकी भी दे रहा है. बीते बुधवार को क्रेमलिन के प्रवक्ता Dmitry Peskov ने कहा था कि अगर रूस के सामने 'अस्तित्व का खतरा' खड़ा होगा तो वह परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा. दुनिया में सबसे ज्यादा परमाणु हथियार वाला देश रूस ने इस युद्ध के दौरान दूसरी बार परमाणु हमले की धमकी दी है. वहीं यूक्रेन पर हमले के बीच परमाणु धमकी के बाद अमेरिका NATO देशों के साथ मिलकर रूस को घेरने की तैयारी कर रहा है.
केमिकल हमले का दावा
दूसरी तरफ मारियूपोल के मेयर वादिम बोयचेन्को ने दावा किया है कि रूसी सेना द्वारा लगातार किए जा रहे हमले के बीच 10 हजार से ज्यादा आम नागरिक मारे गए हैं. इसी बीच यूक्रेन ने मारियूपोल में रूस पर केमिकल अटैक करने का आरोप भी लगाया है. मेयर के अलावा कीव सिटी काउंसिल की डिप्टी एलिना मिखाईलोवा ने भी ट्विटर के माध्यम से केमिकल अटैक होने का दावा किया है. उनका आरोप है कि रूसी सेना ने मारियूपोल में यूक्रेनी सेना और आम नागरिकों को टारगेट करते हुए एक जहरीला पदार्थ इस्तेमाल किया है.
चार देशों के राष्ट्रपति पहुंचे यूक्रेन
वहीं जंग के बीच कल नाटो के चार देशों के राष्ट्रपति भी एक साथ यूक्रेन पहुंच गए. लिथुआनिया, पोलेंड, लाटविया और एस्टोनिया के राष्ट्रपतियों ने साफ कर दिया है के जंग के अंत तक वो यूक्रेन को आर्थिक और सैन्य मदद करते रहेंगे. अमेरिका भी लगातार यूक्रेन की हर मोर्चे पर मदद कर रहा है. कल ही अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और जेलेंस्की के बीच फोन पर करीब एक घंटे की बातचीत हुई जिसके तुरंत बाद अमेरिका ने यूक्रेन को 800 मिलियन डॉलर की मदद का ऐलान कर दिया.
50 दिनों से यूक्रेन बाहरी मदद के दम पर ये जंग के मैदान में रूस को चुनौती दे रहा है और जिस तरह यूक्रेन लड़ रहा है लगता है कि नाटो देश और यूरोपियन यूनियन की मदद से ये जंग अभी और लंबा चलेगा.
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