पाकिस्तान के ख़ैबर पख़्तूनख़्वा में बस में बम धमाका, 9 चीनी इंजीनियर सहित 13 लोगों की मौत
अभी तक ये ठीक-ठीक पता नहीं चल पाया है कि ये धमाका कैसे हुआ. किसी आतंकी संगठन ने भी इस बस धमाके की जिम्मेदारी नहीं ली है. पिछले 24 घंटे में ख़ैबर पख़्तूनख़्वा प्रांत में ये दूसरा बड़ा हमला है.
Pakistan Bus Blast: पाकिस्तान के ख़ैबर पख़्तूनख़्वा प्रांत में बस में हुए बम-धमाके में नौ चीनी इंजीनियर्स सहित कुल 13 लोगों का मौत हो गई. मारे गए चीनी इंजीनियर्स चीन-पाकिस्तान इकनोमिक कोरिडोर यानि सीपीईसी के तहत बन रहे एक डैम परियोजना में कार्यरत थे. बम-धमाके में पाकिस्तानी सेना की फ्रंटियर कोर के दो जवानों की भी मौत हुई है.
जानकारी के मुताबिक, बुधवार की सुबह ख़ैबर पख़्तूनख़्वा प्रांत (केपीके) के कोहिस्तान में चीनी इंजीनियर्स और पाकिस्तानी कर्मचारियों से भरी बस दासू डैम जा रही थी. उसी वक्त ये बम धमाका हुआ. डैम में कार्यरत चीनी इंजीनियर्स और बाकी कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए फ्रंटियर कोर के जवान भी मौजूद थे. हालांकि, अभी तक ये ठीक-ठीक पता नहीं चल पाया है कि बम-धमाके कैसे हुआ है. क्या बस में पहले से प्लांट की गई कोई आईईडी के जरिए किया गया है या बम से बस पर हमला हुआ है. लेकिन धमाका इतना जोर का था कि बस खाई में जा गिरी.
सीपीईसी परियोजना के तहत बनाए जा रहे दासू डैम में काम करने वाले चीनी इंजीनियर्स को किसने निशाना बनाया है, इसका भी अभी तक पता नहीं चल पाया है. किसी आतंकी संगठन ने बम धमाके की जिम्मेदारी नहीं ली है.
चीन के महत्वकांक्षी बीआरआई यानि बेल्ड एंड रोड इनिसेयेटिव के तहत चीनी सरकार पाकिस्तान में चीन-पाकिस्तान इकनोमिक कोरिडोर (सीपीईसी) बना रही है. इस कोरिडोर के जरिए पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को ख़ैबर पख़्तूनख़्वा प्रांत से गिलगिट-बालटिस्तान के जरिए चीन के शिनजियांग प्रांत को सड़क और रेल के जरिए जोड़ने का प्लान है. इसके लिए चीन ने पाकिस्तान में 60 बिलियन डॉलर का निवेश कर रहा है. लेकिन बलूच लड़ाके और कुछ कट्टरपंथी संगठन इसका विरोध कर रहे हैं.
बता दें कि पिछले 24 घंटे में ख़ैबर पख़्तूनख़्वा प्रांत में ये दूसरा बड़ा आतंकी हमला है. मंगलवार को पाकिस्तान के तहरीक-ए-तालिबान आतंकी संगठन ने पाकिस्तानी सेना की थल-स्काउट्स के 11 जवानों की एक नरसंहार में निर्मम हत्या कर दी थी. इसके अलावा चार पाकिस्तानी सैनिकों को अगवा भी कर लिया था.
अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद से ही केपीके प्रांत में सक्रिए कबीले, कट्टरपंथी और आतंकी संगठन एक बार फिर से एक्टिव हो गए हैं. हाल ही में सीपीईसी कोरिडोर से सटे इलाके में तालिबान कमांडर्स की एक खुली-कचहरी का वीडियो सामने आया था जिसमें वे स्थानीय विवादों को सुलझा रहे थे.
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