Pakistan News: पाकिस्तान में सेना का है दबदबा, पीटीआई का खत्म हो चुका है खेल! 8 फरवरी से चुनाव
Pakistan Latest News: पाकिस्तान में पूरी तरह से सेना हावी नजर आ रही है. वहीं इमरान खान की अगुवाई वाले तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी 2023 में हुई दंगो के बाद लगभग पूरी तरह से खत्म हो गई है.
![Pakistan News: पाकिस्तान में सेना का है दबदबा, पीटीआई का खत्म हो चुका है खेल! 8 फरवरी से चुनाव By dismantling PTI Pak army has made it clear no one messes with it Pakistan News: पाकिस्तान में सेना का है दबदबा, पीटीआई का खत्म हो चुका है खेल! 8 फरवरी से चुनाव](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/02/04/802b89324137f0229616f74d2aba49991707035034921916_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Pakistan Latest News: पाकिस्तान में राजनीति शक्तिशाली सैन्य प्रतिष्ठान से काफी प्रभावित रही है, जिसने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तरीके से देश पर अपना नियंत्रण बनाए रखा है. यह किसी भी राजनीतिक दल के नेतृत्व के लिए सत्ता हासिल करने को सहमति लेने के लिए सबसे महत्वपूर्ण हफ्ता है और 8 फरवरी को होने वाले चुनाव भी अलग नहीं हैं. पहले फुसफुसाहट में जो बात की जाती थी, उसकी पुष्टि नवंबर 2022 में हुई जब तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान की सेना ने दशकों से राजनीति में हस्तक्षेप किया है और वादा किया कि संस्था खुद को देश के लोकतांत्रिक कामकाज से दूर रखेगी.
ऐसा लगता है कि यह वादा कुछ ही महीनों में भुला दिया गया है क्योंकि वर्तमान सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर के नेतृत्व में सैन्य प्रतिष्ठान ने इस प्रक्रिया पर अधिक नियंत्रण हासिल कर लिया है. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) द्वारा 9 मई 2023 को किए गए दंगों के परिणामस्वरूप पीटीआई पूरी तरह से खत्म हो गई, क्योंकि इसके शीर्ष नेतृत्व को या तो गिरफ्तार कर लिया गया या कथित तौर पर अलग होने की घोषणा करने के लिए मजबूर किया गया.
जेल में बंद हैं हजारों पीटीआई समर्थक
हजारों पीटीआई समर्थक हिरासत में हैं जबकि इसके नेता इमरान खान को साइफर लीक मामले में 10 साल और तोशाखाना मामले में 14 साल की कैद का सामना कर रहे हैं. पर्यवेक्षकों का कहना है कि जिस तरह से पीटीआई के साथ व्यवहार किया गया और उसे खत्म किया गया. उससे साफ पता चलता है कि पाकिस्तान के सबसे लोकप्रिय नेता होने के बावजूद इमरान खान अब सैन्य प्रतिष्ठान की पसंद में नहीं हैं.
पीटीआई ने नहीं दिया है चुनाव चिन्ह
पीटीआई और इमरान खान को चुनाव से बाहर करने से चुनाव की निष्पक्षता को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा हो गई हैं. पार्टी ने अपना चुनाव चिन्ह नहीं दिया है. खान जेल में हैं. इसके अन्य नेता छुपे हुए हैं या सलाखों के पीछे हैं. वरिष्ठ पत्रकार आबिद हुसैन ने कहा, 'सेना द्वारा लगाई गई सेंसरशिप खासकर इमरान खान और पीटीआई के बारे में रिपोर्टिंग पर शांत माहौल के साथ चुनाव अभियान के मौसम को प्रतिबिंबित नहीं करती है.'
जबकि राजनीतिक चर्चा और नतीजों पर अनिश्चितता है. सैन्य प्रतिष्ठान के संकेत स्पष्ट प्रतीत होते हैं. एक पत्रकार बदर आलम ने कहा, 'सेना का मानना है कि यह पाकिस्तान के अस्तित्व का केंद्र है और गैर-सैन्य क्षेत्रों में प्रभाव के साथ राज्य की सबसे प्रभावशाली संस्था बनी हुई है. इसका बड़ा कारण इसके वर्षों के प्रत्यक्ष शासन को धन्यवाद है.'
8 फरवरी को होगा मतदान
वर्तमान परिदृश्य में जहां 8 फरवरी को मतदान होना है. ऐसा लगता है कि सैन्य प्रतिष्ठान ने उन्हें निर्धारित समय पर आयोजित करने की अनुमति दे दी है. इसके पीछे एक कारण यह है कि पाकिस्तान को मौजूदा आर्थिक संकट से बाहर निकालने की जिम्मेदारी अब सेना ने ले ली है. जनरल मुनीर ने एसआईएफसी (विशेष निवेश सुविधा परिषद) नामक एक विशेष मंच की स्थापना की. इसका उद्देश्य अन्य देशों से कम से कम 100 बिलियन डॉलर का निवेश आकर्षित करना है. इससे उन्हें एसआईएफसी के माध्यम से प्रक्रिया में आसानी का आश्वासन दिया जा सके.
यह भी माना जाता है कि पाकिस्तान में किसी भी सत्तारूढ़ राजनीतिक ताकत की तुलना में सैन्य प्रतिष्ठान आईएमएफ चीन और अन्य देशों के लिए अधिक विश्वसनीय गारंटी प्राधिकरण है. राजनीतिक विश्लेषक जावेद सिद्दीकी ने कहा, 'चुनाव समय पर होंगे इसका मुख्य कारण यह है कि सेना ने ऐसा कहा है और क्योंकि आईएमएफ राजनीतिक परिवर्तन प्रक्रिया देखना चाहता है और एक दीर्घकालिक वित्तीय योजना के लिए पांच साल के कार्यकाल वाली निर्वाचित सरकार के साथ बात करना चाहता है.'
सुरक्षा और आतंकवाद की गंभीर चुनौतियों के बावजूद सेना ने चुनावों के लिए एक सकारात्मक संकेत दिया है, जो देश के भविष्य के लिए किए जाने वाले किसी भी बड़े निर्णय के लिए एक निर्णायक और महत्वपूर्ण संकेत है.
यह भी पढ़ें- 'यह चुभता है और दुख पहुंचाता है', ऋषि सुनक ने नस्लवाद पर तोड़ी चुप्पी, बताया दिल का दर्द
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)