वॉशिंगटन: संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के भारत में विवादास्पद नये कानून पर चिंता जताने के बाद अमेरिकी संस्था ने नागरिकता कानून पर सख्त टिप्पणी की है. अमेरिकी आयोग ने नागरिकता कानून पर 'फैक्टशीट' नाम से रिपोर्ट जारी की है. 'फैक्टशीट' में नागरिकता कानून पर चिंता जताते हुए इसे मुसलमानों के लिए भेदभावपूर्ण और पक्षपाती बताया गया है.


अमेरिकी आयोग की रिपोर्ट में CAA पर सख्त टिप्पणी


रिपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी अमेरिकी आयोग ने कहा, "नागिरक पंजीयन (NRC) से सिर्फ मुसलमान प्रभावित होंगे जबकि गैर मुस्लिमों को नागरिकता कानून (CAA) के तहत सुरक्षा प्रदान कर दी जाएगी." उसने आरोप लगाया कि अपने नागरिकों के बीच भारत सरकार का ये भेदभावपूर्ण रवैया बीजेपी की हार्ड कोर राजनीति का नतीजा है. सरकार CAA लागू कर NRC का भार मुसलानों पर डाल देगी. जिसका अंजाम लंबे समय तक मुसलमानों का डिटेंशन या फिर देश से निर्वासन के रूप में सामने आयेगा.


NRC, CAA को बताया गया मुसलमानों के खिलाफ


अमेरिकी आयोग की रिपोर्ट में बीजेपी नेताओं के बयानोों पर भी चिंता जताई गई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि बीजेपी के कई नेता अपने देश के मुसलमानों को बाहर निकालने के लिए कैसा मंसूबा बना रहे हैं. उनकी मंशा मुसलमानों के बिना भारत की बात करने से जाहिर होती है.


रिपोर्ट में नागरिकता कानून पर संयुक्त राष्ट्र के अंदेशों को भी शामिल किया गया है. संयुक्त राष्ट्र अपनी रिपोर्ट में नागरकिता कानून को अल्पसंख्यक मुसलमानों के लिए पक्षपातपूर्ण बता चुका है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरे से पहले भारत को असहज कर देनेवाली रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर आयोग से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, "हमारी सभी मुद्दों पर अमेरिका की तरफ से स्थिति स्पष्ट है. बार-बार हम स्टेट डिपार्टमेंट, व्हाइट हाउस और कांग्रेस को अपनी संवेदना से आगाह करते रहे हैं. हम समझते हैं राष्ट्रपति का भारत दौरा कामयाब रहेगा और इसमें किसी तरह की समस्या पैदा नहीं होगी."


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