हमास- इजरायल जंग के बीच मिस्र में काहिरा शांति सम्मेलन, ये देश होंगे शामिल
Israel Hamas War: मिस्र ने इस सम्मेलन का आयोजन तब किया है जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से उस पर गाजा पट्टी से सटे रफाह क्रॉसिंग खोलने का दबाव बनाया जाने लगा.
Israel Hamas War: हमास- इसराइल युद्ध और गाजा में मानवीय संकटों की हालिया घटनाओं के बाद मिस्र के काहिरा में एक शांति सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. इस शांति सम्मेलन की मेजबानी मिस्र कर रहा है. रायटर्स के मुताबिक इस सम्मेलन में 20 से ज्यादा देशों के प्रमुख शामिल होंगे.
काहिरा में आयोजित इस सम्मेलन में हमास और इजरायल के बीच पनपे अभूतपूर्व जंग को लेकर चर्चा की जायेगी. मिस्र ने इस सम्मेलन का आयोजन तब किया है जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से उसपर गाजा पट्टी से सटे रफाह क्रॉसिंग खोलने का दबाव बनाया जाने लगा. मेजबान मिस्र ने सम्मेलन का मकसद शांति बहाल करना बताया है.
कौन- कौन होंगे शामिल?
इस सम्मेलन में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी, फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास, जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला और बहरीन के शाह हमद बिन ईसा अल खलीफा शामिल है. इसके अलावा कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी, कुवैत क्राउन प्रिंस शेख मेशाल अल-अहमद अल-सबाह, इराकी प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सूडानी, इटली के प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज, ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस, साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडोलाइड्स, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा, जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक, फ्रांस की विदेश मंत्री कैथरीन कोलोना, जापान के विदेश मंत्री योको कामिकावा, विदेश मामलों के लिए ब्रिटिश राज्य सचिव जेम्स क्लेवरली और नॉर्वे के विदेश मंत्री एस्पेन बार्थ ईडे भी रहेंगे.
रूस के उप विदेश मंत्री मिखाइल बोगदानोव, मध्य पूर्व मुद्दों के लिए चीन के राजदूत झाई जून, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटारेस, यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल, यूरोपीय संघ की विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बोरेल भी सम्मेलन में शामिल होंगे. शांति सम्मेलन में इजरायल और ईरान शामिल नहीं होंगे.
अमेरिका-ब्रिटेन ने बनाई दूरी
इस सम्मेलन में अमेरिका और ब्रिटेन की ओर से कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं होगा. इसके मुस्लिम देश भी इस सम्मेलन में भाग नहीं ले रहे हैं. कई बड़े भागीदारों के सम्मेलन में शामिल नहीं होने की वजह से इसके सफल होने की उम्मीद काफी कम है.