China in Vanuatu: इस देश पर पड़ी चीन की 'नापाक नजर', बिगड़े राजनीतिक हालात तो 'ड्रैगन' ने भेजी पुलिस!
Vanuatu Political Crisis: प्रशांत महासागर के एक छोटे से देश वानुअतु में राजनीतिक उथल-पुथल जारी है. वहीं, अब चीन ने भी वहां पर एंट्री मार ली है.
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Vanuatu: चीन जिस देश की तरफ अपनी नापाक नजर गड़ा दे, उसका नुकसान होकर ही रहता है. कुछ ऐसा ही इन दिनों प्रशांत महासागर के एक छोटे से देश वानुअतु में हो रहा है. भले ही ये देश बहुत छोटा है, मगर इसकी प्रशांत महासागर में इसकी लोकेशन इसे ताकत देती है. यही वजह है कि जैसे ही देश में राजनीतिक संकट पैदा हुआ, वैसे ही चीन ने अपने तथाकथित 'पुलिस एक्सपर्ट्स' को देश में भेज दिया.
दरअसल, वानुअतु में पश्चिमी मुल्कों के समर्थक प्रधानमंत्री इश्माएल कालसको के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया, जिससे उनकी सरकार चली गई. फिर सरकार इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई, जहां शीर्ष अदालत ने कहा कि वानुअतु के प्रधानमंत्री कालसको संसद में अविश्वास मत हार गए हैं. इसके बाद चीन ने देश में हो रही उथल-पुथल को देखते हुए तुरंत अपने 'पुलिस एक्सपर्ट्स' को वानुअतु रवाना किया.
नया पीएम चुनने की तैयारी
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक, प्रधानमंत्री इश्माएल कालसको को सोमवार को अपना पद छोड़ना होगा. अगर किसी तरह की अपील नहीं की जाती है, तो संसद अब वोटिंग के जरिए नया प्रधानमंत्री चुनने वाली है. वानुअतु में जिस तरह से राजनीतिक उथल-पुथल जारी है, उसके पीछे चीन का हाथ बताया जा रहा है. वानुअतु में चीन का रोल अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के लिए भी सिरदर्दी है.
क्या चीन ने देश में फैलाया राजनीतिक संकट?
वियोन की रिपोर्ट के मुताबिक, वानुअतु में जिस तरह से राजनीतिक संकट खड़ा हुआ है, उसमें चीन की भूमिका की भी बात हो रही है. अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले विपक्ष के नेता बॉब लॉफमैन को चीन समर्थक माना जाता है. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के साथ सुरक्षा समझौता करने पर सरकार को फटकार लगाते हुए याचिका दायर की थी. 52 सदस्यों वाली संसद में अविश्वास प्रस्ताव को 26 वोट मिले, लेकिन वह 27 का पूर्ण बहुमत नहीं हासिल कर पाया.
हालांकि, प्रस्ताव के खिलाफ सिर्फ 23 सदस्यों ने वोट किया. एक सांसद बीमारी की वजह से वोटिंग में शामिल नहीं हुए, जबकि एक सीट खाली रही. हालांकि, संसद के स्पीकर ने फैसला किया कि सरकार के खिलाफ प्रस्ताव सफल नहीं रहा है. इसके बाद विपक्ष इस मामले को लेकर देश की सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के खिलाफ फैसला सुनाया और कहा कि 51 सदस्यों वाली संसद में पूर्ण बहुमत 26 वोट का ही था.
वानुअतु क्यों है जरूरी?
प्रशांत महासागर में पश्चिमी मुल्कों और चीन के बीच तनातनी चल रही है. वानुअतु इस तनातनी के केंद्र में है, जिसकी लोकेशन दोनों की पक्षों के लिए फायदेमंद है. चीन ने वानुअतु को अपनी ओर करने के लिए वहां कई सारे प्रोजेक्ट्स लगाए हैं. अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया समेत पश्चिमी मुल्कों को लगता है कि चीन का यहां होना उनकी सुरक्षा के लिए खतरा है. यही वजह है कि सोलोमन द्वीप समूह के साथ चीन के सुरक्षा समझौते के बाद अमेरिका और उसके सहयोगी अब प्रशांत द्वीपीय देशों को बीजिंग के साथ सुरक्षा संबंध स्थापित करने से रोकने में लगे हुए हैं.
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