क्या सूंघकर कोरोना संक्रमण का पता लगा सकते हैं प्रशिक्षित कुत्ते? जानिए क्या कहती है रिसर्च
लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन ऐंड ट्रापिकल मेडिसीन (एलएसएचटीएम) ने यह रिसर्च चैरिटी मेडकिल डिटेक्शन डॉग्स ऐंड टरहम यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर की है.
लंदन: कोरोना वायरस संक्रमित लोगों के शरीर से अलग तरह की गंध आती है, जिसका पता प्रशिक्षित कुत्ते सटीकता से लगा सकते हैं. यह दावा ब्रिटेन में हुई एक नई रिसर्च में किया गया है. लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन ऐंड ट्रापिकल मेडिसीन (एलएसएचटीएम) ने यह रिसर्च चैरिटी मेडकिल डिटेक्शन डॉग्स ऐंड टरहम यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर की है. इसे अपनी तरह का पूर्ण अध्ययन करार दिया गया है जिसे कुत्तों की ट्रेनिंग, गंध विश्लेषण और मॉडलिंग के समावेश से किया गया है.
अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि विशेष तरीके से प्रशिक्षित कुत्ते बीमारी को 94.3 प्रतिशत तक संवेदशनशीलता और 92 प्रतिशत सटीकता के साथ पता लगा लेते हैं. पिछले सप्ताह प्रकाशित रिसर्च पेपर के मुताबिक कुत्ते बिना लक्षण वाले व्यक्तियों में संक्रमण का पता लगाने के साथ-साथ कोरोना वायरस के प्रकार (स्ट्रेन) में भी अंतर करने में सक्षम हैं. इसके साथ ही वे संक्रमण के स्तर का भी आकलन कर सकते हैं.
एलएचटीएम में रोग नियंत्रण विभाग के प्रमुख प्रोफेसर जेम्स लोगन ने कहा, 'नए प्रकार के वायरस के देश में प्रवेश के खतरे के मद्देनजर उनकी जांच में कुछ समय के लिए बाधा उत्पन्न हो सकती है. ऐसे में ये कुत्ते अहम भूमिका निभा सकते हैं.'
उत्साहजनक खोज
जेम्स लोगन ने कहा, 'अभी अध्ययन करने की जरूरत है ताकि पता लगाया जा सके कि वास्तविक माहौल में कुत्ते इन नतीजों को दोहरा सकते हैं या नहीं, लेकिन यह खोज बहुत उत्साहजनक है. इस तरीके के इस्तेमाल का फायदा यह होगा कि लोगों के बड़े समूह में अभूतपूर्व गति और सटीकता से बिना लक्षण वाले संक्रमित का पता लगाया जा सकेगा.'
अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि कुत्तों को मेडिकल डिटेक्शन डॉग्स की टीम ने कोविड-19 की पहचान करने के लिए प्रशिक्षित किया. इस दौरान शरीर के गंध का इस्तेमाल किया गया, जिसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) ने मास्क, मोजे और टी शर्ट के रूप में भेजा था. उन्होंने बताया कि एलएसएचटीएम की टीम ने इस प्रक्रिया में 3,758 नमूनों को एकत्र किया और जांच के लिए 325 संक्रमित और 675 संक्रमण मुक्त नमूनों को भेजा.