India-Canada Relations: भारत सरकार ने सोमवार (14 अक्टूबर) को कनाडा से अपने उच्चायुक्त समेत अन्य राजनयिकों और अधिकारियों वापस बुलाए जाने का फैसला लिया है. इसके अलावा भारत ने छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया और उन्हें शनिवार (19 अक्टूबर 2024) को रात के 12 बजे से पहले तक देश छोड़ने का आदेश दिया है.


यह फैसला तब लिया गया जब सोमवार (14 अक्टूबर) को कनाडाई पुलिस ने कनाडा में स्थित भारतीय राजनयिकों और कांसुलर अधिकारियों पर बेबुनियाद आरोप लगाए. डिप्लोमैटिक कम्युनिकेशन की रिपोर्ट के मुताबिक कनाडाई पुलिस ने कनाडा में स्थित भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा और अन्य राजनयिकों पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर के मर्डर से जुड़े मामले में शामिल होने का आरोप लगाया है.


भारत ने कनाडा द्वारा लगाए गए बेबुनियाद आरोपों को लेकर सख्त रवैया अपनाते हुए दिल्ली स्थित उसके मिशन के सीनियर डिप्लोमैट को समन किया. उन्होंने कहा कि हमारे अधिकारियों पर लगाए गए झूठे आरोप को नहीं स्वीकार कर सकते हैं. पूरे मामले में कनाडा की रॉयल कनेडियन माउंटेन पुलिस ने बयान जारी कर भारतीय डिप्लोमैट पर आरोप लगाया कि वे लोग उनके देश से जरूरी जानकारियों की चोरी कर रहे हैं. ये दक्षिण एशियाई समुदाय के लोगों और खासकर खालिस्तान समर्थक आंदोलन से जुड़े सदस्यों के लाइफ के लिए खतरा है.


उन्होंने आगे कहा कि हमने मामले को लेकर कई बार भारतीय अधिकारियों को जानकारी और सबूत सौंपे लेकिन किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं हुई.


भारत सरकार के एजेंटों ने धमकाया
कनाडा की पुलिस ने आगे कहा कि हमारे हाथ जो सबूत लगे हैं, उससे पता चलता है कि भारत सरकार के एजेंटों ने कनाडा और विदेशों में विभिन्न प्रकार की संस्थाओं का इस्तेमाल कर कई तरह की जानकारी इकट्ठा की है. इसके लिए उन्होंने कुछ लोगों को काम करने के लिए धमकाया है. इससे जुड़े सबूत हमने भारत सरकार के अधिकारियों के सामने पेश किए और हिंसा को रोकने में उनके सहयोग का आग्रह किया गया. वहीं हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों से इन मुद्दों के समाधान के लिए मिलकर काम करने का अनुरोध किया गया.


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