Canada Study Permit: कनाडा ने विदेशी छात्रों पर क्यों लगाया प्रतिबंध, क्या भारतीय छात्रों पर पड़ेगा इसका असर
Study in Canada: कनाडा ने विदेशी छात्रों के बीजा में कमी करने का आदेश जारी किया है. इसका असर भारतीय छात्रों पर भी पड़ेगा, क्योंकि भारी संख्या में भारतीय छात्र कनाडा में एडमिशन लेते हैं.
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Canada Study Permit: कनाडा सरकार ने कहा है कि वह आगामी शैक्षणिक सत्र में दो साल की अवधि के लिए अंतरराष्ट्रीय छात्र वीजा की संख्या सीमित कर रही है. कम वीजा का मतलब होगा कि कम भारतीय छात्र कनाडा की यात्रा कर पाएंगे.
कनाडा अंतरराष्ट्रीय छात्र वीजा की संख्या में कितनी कटौती कर रहा है?
कनाडा के इमिग्रेशन, शरणार्थी और नागरिकता मंत्री मार्क मिलर ने सोमवार को एक घोषणापत्र जारी किया. इसके अनुसार 1 सितंबर, 2024 से शुरू होने वाले शैक्षणिक सत्र के लिए नए अंतरराष्ट्रीय छात्र परमिट की संख्या में 2023 की तुलना में 35 प्रतिशत की कटौती की जाएगी.
मिलर ने अपने आधिकारिक एक्स (ट्विटर) हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा- एक अनुमान के मुताबिक "इस साल करीब 3,60,000 विदेशी छात्र अध्ययन परमिट के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसके आधार पर प्रांतों को उनके नामित शिक्षण संस्थान के बीच आवंटन के लिए आवेदन वितरित किए जाएंगे." प्रांत स्वीकार आवेदनों के सत्यापन के लिए पत्र जारी करेंगे.
मिलर ने कहा विदेशी नए छात्रों के वर्तमान प्रवेश को 31 मार्च तक रोक दिया जाएगा, इस दौरान प्रांत सरकार द्वारा जारी आदेश का अनुपालन करेंगे. उन्होंने कहा 2025 के लिए अध्ययन परमिट की संख्या पर निर्णय लेने के लिए इस वर्ष के अंत में विचार किया जाएगा. मिलर ने परमिट पर दिए गए आदेश को अस्थायी बताया है.
अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या घटाने के लिए कनाडा ने क्या कदम उठाए हैं?
कनाडाई मीडिया ने मिलर के हवाले से कहा कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों के प्रवेश को सीमित करने की जरूरत है. मंत्री का मानना है कि बेहतर शिक्षा के लिए छात्रों की संख्या कम करना जरूरी हो गया है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले महीने कनाडाई सरकार ने कहा था कि 2024 से अंतरराष्ट्रीय छात्रों को यह दिखाना होगा कि अध्ययन परमिट के लिए पात्र होने के लिए उनके पास ट्यूशन फीस के अलावा 20,000 डॉलर से अधिक है. बता दें कि यह रकम मौजूदा फंड की आवश्यकता से दोगुना है.
कनाडा के पूर्व आप्रवासन मंत्री सीन फ़्रेज़र ने कनाडाई मीडिया को बताया कि विदेशी छात्रों की संख्या बढ़ गई है, इसलिए मिलर ने इसपर रोक लगाने की घोषणा की है.
मॉन्ट्रियल यूथ स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन के संयोजक मंदीप ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि ''इस समय कनाडा में आवास संकट है. किराये और रहने की लागत बहुत बढ़ गई है, जबकि नौकरियां उतनी संख्या में नहीं हैं. इसके अलावा कुछ छात्रों ने शिकायत की है कि निजी संस्थान ट्यूशन फीस अधिक ले रहे हैं और खराब गुणवत्ता वाली शिक्षा दे रहे हैं.
कनाडा के निर्णय का भारतीय छात्रों पर क्या असर पड़ेगा?
कनाडा सरकार के जारी आदेश के मुताबिक छात्र परमिट पर दो साल की सीमा केवल स्नातक छात्रों के लिए है. परास्नातक और पीएचडी कार्यक्रमों के साथ प्राइमरी और स्कूलिंग स्तर के छात्रों को छूट दी गई है. इसके अलावा प्रतिबंध केवल नए आवेदकों पर लागू होंगे. विदेशी छात्र जो पहले से ही कनाडा में पढ़ रहे हैं, चाहे स्नातक या किसी अन्य पाठ्यक्रम में हों, वे इस आदेश से प्रभावित नहीं होंगे.
आप्रवासन, शरणार्थी और नागरिकता कनाडा (आईआरसीसी) के आंकड़ों के मुताबिक एशिया द्वीप से आवेदकों को सबसे बड़ी संख्या में छात्र वीजा दिए जाते हैं. चीन के बाद भारत इस सूची में शीर्ष पर है. आईआरसीसी के आंकड़ों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय छात्रों की आबादी 2014 में लगभग 3.26 लाख से बढ़कर 2022 में 8 लाख से अधिक हो गई है.
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