Canada Resettle Uyghurs: चीन में उइगर मुसलमानों (Uyghur Muslim) पर किए जा रहे अत्‍याचारों से भारत समेत कई लोकतांत्रिक देश चिंतित हैं. कनाडा (Canada) ने तो उइगरों के पुनर्वास की व्‍यवस्‍था करने की भी तैयारी कर ली है. कनाडा में प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व वाली सरकार ने कनाडाई संसद में 10,000 उइगर मुसलमानों के पुनर्वास की अनुमति देने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया है.


खास बात यह है कि यह प्रस्‍ताव कनाडाई संसद में सर्वसम्मति से पेश किया गया. जिनेवा डेली की रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा के हाउस ऑफ कॉमन्स में सांसदों ने 1 जनवरी को प्रस्ताव 322-0 के पक्ष में मतदान किया. जब यह प्रस्ताव पारित किया गया तो सदन तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. इस प्रस्‍ताव में चीनी कब्‍जे वाले शिनजियांग में मार-पीटकर भगाए गए 10,000 उइगर मुसलमानों के पुनर्वास की व्‍यवस्‍था करने का ऐलान है. 


विदेशियों को बसाने की स्कीम


कनाडा क्षेत्रफल के लिहाज से दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है, लेकिन यहां आबादी काफी कम है. आपको जानकार हैरानी होगी कि भारत से 4 गुना बड़े कनाडा में राजस्‍थान से भी कम लोग रहते हैं. अपने यहां पढ़े-लिखे लोगों वाली आबादी को बढ़ाने के लिए कनाडाई सरकार यहां विदेशियों को बसाने की भी स्‍कीम लाई है. इन दिनों कनाडा में बड़ी संख्‍या में पाकिस्‍तानी युवक भी रहने जा रहे हैं. 


वहीं, कनाडा सरकार ने जबकि उइगर मुसलमानों के पुनर्वास की व्‍यवस्‍था करने की तैयारी शुरू कर दी है तो यह फैसला चीन को परेशान कर रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग इस फैसले से चिंतित हैं. कनाडाई सरकार के प्रस्ताव में कहा गया है कि उइगर मुसलमान चीनी शासन में प्रताड़ना झेल रहे हैं. वे वहां अत्‍यधिक दबाव और धमकी का सामना करते हैं, वहां उन्हें बड़े पैमाने पर मनमाने ढंग से हिरासत में रखने, बच्चों को उनके माता-पिता से अलग करने, जबरन नसबंदी, जबरन श्रम, यातना और अन्य अत्याचारों का गंभीर खतरा होता है. 


अगले दो वर्षों में 10,000 उइगरों की हो सकती है व्‍यवस्‍था


कनाडा सरकार यदि प्रस्‍ताव के तहत आगे बढ़ती है, तो 2024 से शुरू होने वाले अगले दो वर्षों में कनाडा में लगभग 10,000 उइगर शरणार्थियों के पुनर्वास का काम होगा. संसद में प्रस्‍ताव पारित होने पर एक कनाडाई नेता ने ट्वीट किया, "कनाडा में यह प्रस्‍ताव पारित होना उइगर लोगों लिए एक अच्छा दिन रहा."  उन्‍होंने कहा कि यह प्रस्ताव पारित करना "एक स्पष्ट संकेत है कि हम उइगर लोगों के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन को बर्दाश्‍त नहीं करते हैं."


जेनेवा डेली की रिपोर्ट के अनुसार, कनाडाई नेता बिल ने चीन पर तुर्की, कजाकिस्तान और किर्गिजिस्तान जैसे देशों पर राजनयिक और आर्थिक दबाव बनाने का आरोप लगाया. जहां उइगरों को सुरक्षित आश्रय के बिना छोड़ा जा रहा है और हिरासत में लेकर प्रताड़ित भी किया गया है. 


चीनी विदेश मंत्रालय ने कही ये बातें


इस बीच, चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने गुरुवार को कनाडा पर "गुप्त उद्देश्यों के लिए झिंजियांग से संबंधित मुद्दों को राजनीतिक रूप से जोड़-तोड़ करने, दुष्प्रचार फैलाने और जनता को गुमराह करने" का आरोप लगाया. इसके अलावा, जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में चीन के मिशन के एक वरिष्ठ अधिकारी जियांग डुआन ने यह भी कहा कि "ऐतिहासिक तौर पर, कनाडा ने अपनी भूमि के स्वदेशी लोगों को लूट लिया, उन्हें मार डाला और उनकी संस्कृति को मिटा दिया".


उइगरों को चीन ने आतंक के नाम पर तड़पाया


2017 के बाद से, चीन ने उत्तर-पश्चिमी झिंजियांग क्षेत्र में आतंकवाद के नाम पर व्यापक कार्रवाई की है, जहां उइगरों समेत ज्यादातर मुस्लिम जातीय अल्पसंख्यक समूह प्रताड़ित किए जा रहे हैं. उनकी जबरन नसबंदी करने के लिए भी अभियान चलाया गया है. 


10 लाख से ज्‍यादा उइगरों को हिरासत में लिया


विशेषज्ञों का अनुमान है कि चीनी अधिकारियों ने इस कार्रवाई के तहत 10 लाख से अधिक उइगरों को हिरासत में लिया है, और उन्हें डिटेंशन कैंप में रखा है. चीन के इस कदम की अंतर्राष्ट्रीय स्‍तर पर निंदा की गई है.


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