'पहले अफगानिस्तान-पाकिस्तान से और अब बांग्लादेश से गायब होंगे हिंदू', कनाडा में यूनुस सरकार के खिलाफ प्रदर्शन
Violence in Bangladesh: कनाडाई हिंदुओं ने टोरंटो में बांग्लादेश दूतावास के बाहर के बाहर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह सब बांग्लादेश से हिंदू संस्कृति को मिटाने के लिए किया जा रहा है.
Violence on Hindus in Bangladesh: बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर लगातार हो रहे हमलों को लेकर भारत समेत पूरी दुनिया में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. इस बीच कनाडाई हिंदुओं ने टोरंटो में विरोध प्रदर्शन करते हुए बांग्लादेश की सरकार से हिंसा पर रोक लगा शांति बहाली की अपील की. बांग्लादेश वाणिज्य दूतावास के बाहर कनाडाई हिंदू वालंटियर्स की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में अलग-अलग क्षेत्रों से आए लोगों ने इस हिंसा के खिलाफ वैश्विक हस्तक्षेप का आह्वान किया.
'बांग्लादेश से भी गायब हो जाएंगे हिंदू'
प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख, मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस पर हिंदुओं के खिलाफ व्यापक हिंसा और भेदभाव फैलाने का आरोप लगाया. प्रदर्शन में शामिल लोगों ने बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार, हिन्दू मंदिरों में तोड़फोड़, मंदिरों के पुजारियों की क्रूर हत्याओं समेत हिन्दू नेताओं को अन्यायपूर्ण तरीके से कैद किए जाने पर नाराजगी जाहिर की. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने कहा, "हम अफगानिस्तान-पाकिस्तान से गायब हो गए हैं. अगर अब भी नहीं बचे तो बांग्लादेश से भी गायब हो जाएंगे."
'बांग्लादेश से हिंदू संस्कृति को मिटाने की साजिश'
प्रदर्शनकारियों ने यह भी दावा किया है कि बांग्लादेश में हिंदू लोगों को व्यवस्थित रूप से उनकी नौकरियों से हटाया जा रहा है, उनके परिवारों को लूटा जा रहा है और महिलाओं को यौन हिंसा का सामना करना पड़ रहा है. न्यूज एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह सब बांग्लादेश से हिंदू संस्कृति, आस्था और पहचान को मिटाने के लिए एक सुनियोजित तरीके से किया जा रहा है.
#WATCH | People from the Hindu community in Canada hold a protest outside the Bangladesh Consulate in Toronto over the recent attack on Hindus in Bangladesh pic.twitter.com/cOhNJV9SYh
— ANI (@ANI) December 11, 2024
'वैश्विक समुदायों को करनी चाहिए कार्रवाई'
कनाडाई हिंदू स्वयंसेवकों ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी बहुत ही चौंकाने वाली है. पोस्ट में कहा गया, "यह सिर्फ एक संकट नहीं है, यह मानवाधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता पर एक संगठित और जानबूझकर किया गया हमला है. वैश्विक समुदाय को अब कार्रवाई करनी चाहिए, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए."
दर्शन का नेतृत्व करने वाले लोगों ने कार्रवाई की सख्त जरूरत पर जोर दिया और कनाडा के लोगों से आग्रह किया कि वे अपने निर्वाचित अधिकारियों पर संसद में इस मुद्दे को उठाने और बांग्लादेशी शासन के खिलाफ कूटनीतिक उपायों की मांग करने के लिए दबाव डालें. (आईएएनएस इनपुट के साथ)
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