Canada Study Permits: कनाडा सरकार ने साल 2024 से नए स्टडी परमिटों की संख्या पर दो साल के लिए अस्थायी लिमिट लगा दी है. साल 2024 के लिए मात्र 3 लाख 64 हजार स्टडी परमिट स्वीकृत किए जाएंगे. स्टडी परमिट में लिमिट लगाने के दौरान कनाडा की सरकार अपने संसाधनों का अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधन करेगी, इसके साथ ही बुनियादी ढांचे का विकसित करेगी. आव्रजन, शरणार्थी और नागरिकता कनाडा ( IRCC) का मकसद कनाडाई संस्थानों और विदेशी छात्रों की संख्या के बीच संतुलन बैठाना है, जिससे सभी छात्रों को बेहतर सुविधा और शिक्षा मिल सके. 


कनाडा की सरकार को साल 2024 में 6 लाख 60 हजार स्टडी परमिट के लिए आवेदन मिलने की उम्मीद है, लेकिन इसमें सिर्फ 3 लाख 64 हजार फॉर्म ही स्वीकृत किए जाएंगे. इसमें इस बात का खास ध्यान रखा जाएगा कि साल 2024 में कितने स्टडी परमिट समाप्त हो रहे हैं. साल 2024 में जितने स्टडी परमिट समाप्त होंगे उतने ही नए स्टडी परमिट जारी किए जाएंगे. स्टडी परमिट में सीमा लगाने के साथ ही IRCC ने पीजी वर्क परमिट की पात्रता और मानदंड में विदेशी छात्रों के लिए जीआईसी आवश्यकता को बदल दिया है. 


इन लोगों को मिलेगा ओपन वर्क परमिट
कनाडा की  सरकार ने पोस्ट ग्रेजुएट वर्क परमिट में इस तरह से सुधार किया है, जिससे कई निजी कॉलेजों के छात्र अपात्र हो जाएंगे. इन बदलावों के तहत पीजी, डॉक्टरेट या कोई पेशेवर डिग्री कार्यक्रम में पहले से नामांकित छात्रों के जीवनसाथी ही ओपन वर्क परमिट के लिए पात्र हो सकेंगे. इसके साथ ही 1 जनवरी 2024 से कनाडाई स्टडी परमिट के लिए फॉर्म भरने वाले विदेशी छात्रों के लिए गारंटीड इन्वेस्टमेंट सर्टिफिकेट (जीआईसी) की आवश्यकता दोगुनी कर दी गई है. 


कनाडा में रहने के लिए कम पड़ रहे मकान
आईआरसीसी का कहना है कि विदेशी छात्रों की वजह से कनाडा में रहने और स्वास्थ्य सेवा में समस्या आ रही है, जिसकी वजह से बुनियादी ढांचा कमजोर हो रहा है. कुछ संस्थानों, खासतौर पर निजी कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर चिंताएं हैं. इन बदलावों का उद्देश्य विदेशी छात्रों के दबाव को कम करना है, जिससे बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा सके. साथ यह सुनिश्चित किया जा सके कि शिक्षा गुणवत्ता पूर्ण हो.


भारतीय छात्रों का कनाडा से टूटेगा भरोसा
कनाडा की सरकार ने जिस तरह से नियमों में बदलाव किया है, इसका सीधा असर भारतीयों पर पड़ेगा. ऐसी स्थिति में भारती नागरिकों का पढ़ाई और रोजगार के लिए कनाडा पर भरोसा कमजोर होने लगेगा. कनाडा के विदेशी छात्रों में सबसे अधिक संख्या भारतीयों की रहती है. स्टडी परिमिट में जिस तरह से बदलाव किए गए हैं, इससे भारतीय छात्रों की तरफ से आवेदन कम हो सकते हैं. ऐसी स्थिति में भारतीय छात्र कम नियमों वाले देशों में स्टडी परमिट के लिए आवेदन कर सकते हैं.


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