खालिस्तानी आतंकी अर्श डाला को बचाने में जुटी ट्रूडो सरकार! भारत सौंपने को लेकर कनाडाई विदेश मंत्री का चौंकाने वाला बयान
अर्श डाला की गिरफ्तारी भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन कनाडा की सरकार के प्रत्यर्पण में असहयोगी रवैये से भारत-कनाडा संबंधों में तनाव बढ़ सकता है.
Canada khalistan arsh dalla: कनाडा में खालिस्तान समर्थक और भारत में वांटेड गैंगस्टर अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डाला को गिरफ्तार किया गया है. कनाडाई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार डाला ओंटारियो में गोलीबारी की घटना में शामिल था. भारत सरकार ने अर्श डाला के प्रत्यर्पण की मांग की है, लेकिन कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार ने इस पर स्पष्ट रुख अपनाने से इनकार कर दिया है.
कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जॉली से अर्श डाला के भारत प्रत्यर्पण पर सवाल किया गया, लेकिन उन्होंने जवाब टालते हुए कहा कि मैं इस पर कोई बात नहीं करूंगी क्योंकि जांच जारी है. अगर जरूरत हुई तो हम भारतीय राजनयिकों के साथ इस मामले पर काम करेंगे. हालांकि, उन्होंने इसके बाद विषय बदलते हुए कनाडा में हिंसा के मुद्दे पर बात शुरू कर दी.
Canada's Foreign Affairs Minister Ms. Melanie Joly's reply to a question about Arshdeep Singh Gill aka Arsh Dalla's arrest was convoluted and lacked clarity."#ArshDalla #Canada #India #terrorism #arrested #WordSalad #Ontario https://t.co/Z9Q4zqEvLU pic.twitter.com/H7EEw20mX8
— Sameer Kaushal 🇨🇦❤🇮🇳 (@itssamonline) November 15, 2024
अर्श डाला पर भारत का रुख सख्त प्रत्यर्पण की मांग
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि अर्श डाला एक घोषित आतंकवादी है, जिसके खिलाफ भारत में 50 से अधिक गंभीर मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास, जबरन वसूली और आतंकवाद शामिल हैं. उसके खिलाफ मई 2022 में इंटरपोल ने डाला के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था. इसके अलावा बीते साल 2023 में भारत ने कनाडा को अर्श डाला की गिरफ्तारी का अनुरोध भेजा था, जिसे कनाडा ने खारिज कर दिया था.
कनाडा का खालिस्तानी आतंकवाद पर दोहरा रवैया
कनाडा पर खालिस्तानी आतंकवादियों को पनाह देने का आरोप पहले से ही है. अर्श डाला की गिरफ्तारी इस बात का प्रमाण है कि खालिस्तानी समर्थक न केवल भारत में, बल्कि कनाडा में भी अपराधों में लिप्त हैं. कनाडा की ट्रूडो सरकार भारत के साथ सहयोग करने में हिचकिचा रही है, जबकि अर्श डाला जैसे आतंकियों के खिलाफ पुख्ता सबूत मौजूद हैं.
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