पिछले साल जून महीने की 18 तारीख को कनाडा में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हुई. बैंकूवर के सर्दी में गुरुद्वारा साहिब के बाहर निज्जर को उनकी कार में गोलियां मारी गई. हरदीप निज्जर मूलरूप से पंजाब के जालंधर के रहने वाले थे. पंजाब में आतंकवाद के दौर में वांटेड रहा. कनाडा जाने के बाद वहां के सिटीजन हो गए.


कनाडा की पुलिस ने निज्जर हत्याकांड में चार सस्पेक्ट को गिरफ्तार किया. पहले तीन एडमिटन से पकड़े गए इनके नाम थे करण बराड़, कमलप्रीत और करणदीप सिंह तीनों पंजाब के स्टूडेंट्स थे. चौथा अमरदीप सिंह 11 मई 2024 को गिरफ्तार हुआ. इन चारों पर निज्जर हत्याकांड का मुकदमा चल रहा है.


किसका फायदा और किसका नुकसान ?


जस्टिन ट्रूडो और जगमीत बेशक सियासी फायदा ले रहे हैं लेकिन कनाडा के 2 परसेंट से ज्यादा पंजाबी लोगों को इसका नुकसान होता है. राजनायिक रिश्ते खराब होते हैं तो भारत और कनाडा आने जाने वाले लोगों को दिक्कत होना लाजिमी है. जिनके अपने इन मुल्कों में रहते हैं उनके वीजा में अड़चन आती है या वीजा देरी से मिलता है. कनाडा में स्टूडेंट वीजा की नियम शर्तें बदलती हैं या इमीग्रेशन रुल्स चेंज होते हैं तो प्रॉब्लम आम आदमी को है. दोनों मुल्कों के दूतावास में काम करने वाला स्टाफ घटेगा तो जनता की लाइन तो लंबी होगी ही.


आरोपों में क्यों दम नहीं ?


अगर इस हत्याकांड में भारतीय एजेंटों का हाथ है तो कनाडा पुलिस ने अब तक ट्रायल कोर्ट में इसके सबूत पेश क्यों नहीं किए ? सस्पेक्ट ने इंट्रोगेशन में अगर किसी मातरीय एजेंट के नाम का खुलासा किया है तो उस कड़ी को जांच में क्यों कनेक्ट नहीं किया गया? क्या ट्रूडो को अपने क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम पर भरोसा नहीं ? अगर निज्जर हत्याकांड की साजिश भारतीय एजेंटों ने रची थी तो कनाडा पुलिस ने जांच में उस कड़ी को क्यों कनेक्ट नहीं किया? ट्रायल कोर्ट के सामने चार्जशीट में वो सबूत क्यों पेश नहीं किए जो एजेंटों की भूमिका को शूटर्स के एक्ट से कनेक्ट करते थे? गोली चलाने के लिए हथियार कैसे आए? पैसा किसने दिया? कितना पैसा दिया गया?


इसके अलावा मनी ट्रेल क्या है? हत्या का मकसद क्या था और अगर एजेंटों का हाथ है तो उन्होंने ऐसा क्यों करवाया ? ऐसी कौन सी वजह थी कि निज्जर की हत्या के अलावा और कोई चारा नहीं था? निज्जर पंजाब के रहने वाले थे तो शूटर भी पंजाब के ही क्यों चुने गए ? शूटर्स को किसने संपर्क किया? शूटर्स को किसने क्या मुहैया करवाया? कैसे मुहैया करवाया गया ? शूटर्स कैसे उन एजेंटों के संपर्क में आए? 22-25 साल के होने के बावजूद क्यों शूटर्स हत्याकांड को अंजाम देने के लिए तैयार हुए? शूटर्स को शह किसकी थी? और हत्या के बाद आरोपियों के लिए एजेंट्स ने क्यों एस्केप प्लान नहीं किया ? अगर कोई एजेंट शामिल था तो उसे शूटर्स के पकड़े जाने का डर क्यों नहीं था ? कनाडा की पुलिस और वहां की सरकार क्यों सारे सुबूत अदालत, मीडिया और भारत सरकार के सामने खुलकर नहीं रखती? ट्रूडो टाइम गैप के साथ इस मसले को क्यों उठाते हैं? ये सारे सवाल हैं जो कनाडा पुलिस की जांच में सामने आए सबूतों पर ना सिर्फ शक पैदा करते हैं बल्कि ट्रूडो सरकार की दलील को भी कमजोर करते हैं.


दूडो पॉलिटिकल दवाब में आरोप लगा रहे हैं?


ऐसा लगता है भारत पर हत्याकांड की साजिश का आरोप लगाना प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की पॉलिटिकल मजबूरी भी है. 338 सीट वाली कनाडा के हाउस ऑफ कॉमन में ट्रूडो की पार्टी के पास 153 सदस्य हैं. उनके विपक्षी दल कंजर्वेटिव पार्टी के 119 और क्यूबेक ब्लॉक के 33. एनडीपी या नेशनल डेमोक्रेटिक पाटी के 25 सदस्य हैं. एनडीपी के चीफ जगमीत सिंह है वो एक सिख है. कनाडा में पंजाबी यूथ के नेता हैं. अपनी अलगाववादी सोच के कारण जगमीत के भारत आने पर प्रतिबंध हैं. जगमीत के समर्थन से ही जस्टिन ट्रूडो सरकार चला रहे हैं. हाल में एनडीपी ने टूडो से समर्थन वापस ले लिया था. जगमीत ने टूडो पर कई आरोप भी लगाए लेकिन संसद में नो कॉन्फीडेंस मोशन आते ही जगमीत ने दूडो की सरकार बचाई. आज अगर एनडीपी पीछे हट जाए तो ट्रूडो सरकार अल्पमत में आ जाएगी, लेकिन जगमीत ऐसा भी नहीं चाहते. जगमीत ना टूडो के साथ खड़े दिखना चाहते हैं और ना ही टूडो की सरकार गिरने देना चाहते हैं. इकॉनोमी, इमीग्रेशन और एम्पलॉयमेंट पर मोर्चे पर फेल होते कनाडा में जगमीत अपने फायदे का पास फेंका जिसमें ट्रूडो बुरी तरह फंसे हैं.


अगले साल अक्टूबर महीने में कनाडा में आम चुनाव हैं अगर एक साल तक ट्रूडो को प्रधानमंत्री बने रहना है तो एनडीपी और जगमीत उनका सबसे बड़ा सहारा हैं. एनडीपी के सहयोग से ट्रूडो सरकार अगर पांच साल का कार्यकाल पूरा करती है तो जगमीत समेत एनडीपी के सभी सदस्य ताउम्र पेंशन के हकदार हो जाएंगे जो सालाना 60-70 हजार कनाडियन डॉलर है. ऐसे में ट्रूडो सरकार गवांना नहीं चाहते और जगमीत पेंशन ? लेकिन सिख होने के नाते इन दोनों को सिख वोट बैंक साथ रखने के लिए निज्जर हत्याकांड में वो सब करना होगा जो वहां के ज्यादातर सिखों को लगता है. यह नेरेटिव सेट किया गया कि इस हत्याकांड के पीछे भारतीय एजेंट्स हैं लेकिन इस नेरेटिव को साबित करने के लिए सबूतों में ट्रूडो सरकार कमजोर पड़ गई. यही वजह है भारत स्ट्रॉग एवीडेंट मांग रहा है और डेढ़ साल से ट्रूडो सरकार कभी बोलती है कभी चुप हो जाती है.


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