Hardeep Singh Nijjar Murder Case: खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर मर्डर केस में कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के एक बयान की वजह से भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ गया है. पीएम ट्रूडो ने सोमवार को कनाडा की संसद में कहा था कि इस हत्या में भारत का हाथ होने के सबूत मिले हैं. इसके बाद उन्होंने भारत के एक टॉप डिप्लोमैट को निष्कासित कर दिया था.


कनाडा के इन आरोपों को भारत ने खारिज किया और जवाबी कार्रवाई करते हुए कनाडा के एक राजनयीक को निष्कासित कर दिया. इसके बाद दोनों के संबंध और नीचले स्तर पर चले गए. अब सवाल ये उठता है कि इस हालात के लिए कौन जिम्मेदार है. क्या जस्टिन ट्रूडो अकेले विलेन हैं या पर्दे के पीछे कोई और भी है. यहां हम आपको बताएंगे एक ऐसी महिला से जिसे इस स्थिति के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है.


जस्टिन ट्रूडो की बहुत खास है यह महिला


हम जिस महिला के बारे में बता रहे हैं, उसका नाम जोडी थॉमस है. जोडी का कनाडा की सियासत में कद 2015 से बढ़ा. 2015 में ट्रूडो पहली बार प्रधानमंत्री बने और अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए उन्होंने सिखों को अपने साथ अपने फायदे के लिए रखा. सिखों को पार्टी से जोड़े रखने के लिए उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रीय सुरक्षा उपमंत्री जोडी थॉमस को जिम्मेदारी दी. इसके बाद जोडी थॉमस जस्टिन ट्रूडो और खालिस्तानी आतंकवादियों के बीच संबंधों की कड़ी बन गईं.


इस तरह खालिस्तानियों को दिया बढ़ावा


जब जोडी थॉमस राष्ट्रीय सुरक्षा की उपमंत्री थीं तो उन्होंने पूरे कनाडा में खालिस्तान आंदोलन को बढ़ावा दिया. यही नहीं, उन्होंने इन चरमपंथियों को सुरक्षा भी दी. थॉमस के इस काम से खुश होकर 2017 में ट्रूडो ने उन्हें कनाडा का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बना दिया. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनने के बाद जोडी थॉमस और आक्रमक हो गईं. अब वह अलगाववादी सिखों को उकसाने लगीं. जोडी थॉमस ने इसी साल जून में भारत पर आरोप लगाया कि वह कनाडा के मामलों में हस्तक्षेप करता है.


कई बड़े विवादों में आ चुका है नाम


जोडी थॉमस जस्टिन ट्रूडो की कितनी खास हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लग चुके हैं. इसके बाद भी वह अपने पद पर बनी हुई हैं. जोडी थॉमस पर आरोप है कि उन्होंने अपने बेटे को अवैध तरीके से बड़ा मिलिट्री कॉन्ट्रैक्ट दिलाया. यह गड़बड़ी 2021 में हुई थी. कहा जाता है कि थॉमस ने गलत तरीके से अपने बेटे को 77 अरब डॉलर के युद्धपोत का कॉन्ट्रैक्ट दिलवाया था. यही नहीं, जब यह मामला सामने आया तो उन्होंने 2021 में कनाडा के रक्षा उद्योग को भी फटकार लगाई थी.


ये भी पढ़ें


Canada India Tension: हरदीप सिंह निज्जर मामले में कनाडा के ही राजनेता ने क्यों ट्रूडो पर किया कटाक्ष, अमेरिका-ब्रिटेन की क्या है राय?