Hardeep Singh Nijjar Murder Case: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में जिस तरह भारत पर आरोप लगाए हैं, उससे उनका खालिस्तानी प्रेम साफ दिख रहा है. ट्रूडो सिर्फ आरोप लगाने तक ही नहीं रुके, उन्होंने भारत के एक सीनियर डिप्लमैट को भी निष्कासित किया. इससे दोनों देशों के संबंध काफी खराब हो गए हैं.
खालिस्तान मुद्दे पर भारत के खिलाफ आवाज उठाने वाले जस्टिन ट्रूडो अकेले पीएम नहीं हैं. उनसे पहले भी कनाडा के एक पीएम खालिस्तान प्रेम दिखा चुके हैं. हैरानी की बात ये है कि वो कोई और नहीं, बल्कि जस्टिन ट्रूडो के पिता पियर ट्रूडो थे. पियर ट्रूडो के वक्त में इंदिरा गांधी भारत की पीएम थीं. उस दौरान उनकी खालिस्तान के मुद्दे पर ट्रूडो से काफी नोकझोंक हुई थी.
नहीं मानी थी इंदिरा गांधी की बात
पियर ट्रूडो 1968 से 1979 तक और फिर 1980 से 1984 तक कनाडा के प्रधानमंत्री रहे. वहीं, भारत में इस दौरान इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं. ये वो समय था जब भारत में खालिस्तानी आंदोलन रफ्तार पकड़ चुका था. खालिस्तानियों का प्रमुख नेता तलविंदर सिंह परमार कनाडा में रहता था. इंदिरा गांधी ने 1984 में अक्टूबर की शुरुआत में ट्रूडो से तलविंदर सिंह परमार के प्रत्यर्पण की मांग की थी, लेकिन पियर ट्रूडो की सरकार ने प्रत्यर्पण से इंकार कर दिया. कनाडा सरकार ने तब कहा कि भारत ब्रिटेन की रानी को कॉमनवेल्थ का हेड तो मानता है लेकिन सदस्य है, इसलिए वह किसी भी तरह का प्रत्यर्पण नहीं करेगा. इसलिए कॉमनवेल्थ प्रत्यर्पण संधि लागू नहीं कर सकते.
इंदिरा ने कई बार की थी पियर ट्रूडो की शिकायत
23 जून 1985 को खालिस्तानी आतंकियों ने एयर इंडिया के विमान को उड़ा दिया. इस हमले में 329 लोगों की मौत हो गई थी. जिस वक्त ये हमला हुआ था तब तलविंदर परमार खालिस्तानी आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा का प्रमुख था. वही इस हमले का मास्टरमाइंड भी था. इंदिरा गांधी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बार इसका जिक्र किया था कि पियर ट्रूडो खालिस्तानियों को बचा रहे हैं.
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