Canada Postpones Trade Mission: हाल ही में संपन्न हुए जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) के साथ कोई औपचारिक द्विपक्षीय बैठक नहीं की थी. इस घटना के बाद कनाडाई सरकार ने प्रतिक्रिया देते हुए भारत के साथ होने वाले ट्रेड मिशन (FTA) को स्थगित करने का फैसला लिया है. इस मामले जुड़े एक अधिकारी ने शुक्रवार (15 सितंबर) को कहा कि कनाडाई व्यापार मंत्री मैरी एनजी अक्टूबर में योजनाबद्ध तरीके से होने वाले ट्रेड मिशन को स्थगित कर रही हैं.


रॉयटर्स के खबर के मुताबिक कनाडाई व्यापार मंत्री मैरी एनजी की प्रवक्ता शांति कोसेंटिनो ने बिना कोई कारण बताए कहा कि हम भारत में आगामी ट्रेड मिशन को स्थगित कर रहे हैं. इससे पहले अगस्त में कनाडाई सरकार ने अर्ली प्रोग्रेस ट्रेड एग्रीमेंट (ETPA) पर विराम लगाने के बाद अब अक्टूबर में भारत के लिए निर्धारित एक व्यापार मिशन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया है.


मिशन को रद्द करने का कोई कारण नहीं
कनाडा ट्रेड मिशन का नेतृत्व अंतर्राष्ट्रीय व्यापार निर्यात संवर्धन लघु व्यवसाय और आर्थिक विकास मंत्री मैरी एनजी करने वाली थी, जो 5 दिनों के लिए आगामी 9 अक्टूबर को शुरू होने वाला था. हालांकि, अब इसको अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया है. एजेंसी कैनेडियन प्रेस ने इस संबंध में एनजी के कार्यालय का हवाला देते हुए कहा कि मिशन को रद्द करने का कोई कारण नहीं बताया गया है. एक वरिष्ठ भारतीय अधिकारी ने कहा कि उन्हें इस फैसले की जानकारी मीडिया के जरिए ही मिली.


भारत ने कनाडा में हिंसा की बात कही
ट्रेड मिशन को कुछ समय के लिए बंद किए जाने की खबर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बिजनेस काउंसिल ऑफ कनाडा के अध्यक्ष और सीईओ गोल्डी हैदर ने कहा, “कनाडा और भारत एक मजबूत इतिहास और उज्ज्वल के साथ गहरी जड़ें जमा चुकी और भविष्य में पारस्परिक रूप से लाभप्रद आर्थिक साझेदारी साझा करते हैं.” हम उम्मीद करते हैं कि समय-समय पर होने वाले राजनीतिक तनावों के बावजूद यह रिश्ता जारी रहेगा.''


आपको बता दें कि कनाडा में सिखों की आबादी सबसे अधिक है और यह देश कई विरोध प्रदर्शनों का स्थल रहा है, जिन्होंने भारत को परेशान किया है. कनाडाई नेताओं से मुलाकात के बाद भारत सरकार ने कहा कि वे अलगाववाद को बढ़ावा दे रहे हैं और भारतीय राजनयिकों के खिलाफ हिंसा भड़का रहे हैं, राजनयिक परिसरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और कनाडा में भारतीय समुदाय और उनके पूजा स्थलों को धमकी दे रहे हैं.


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