Chandra Arya Criticized Khalistani Extremists : ब्रैम्पटन में स्थित हिंदू सभा मंदिर में 3 नवंबर (रविवार) को हिंदुओं पर खालिस्तानी उग्रवादियों की ओर से हुए हमले की कनाडा के सांसद चंद्र आर्य ने निंदा की. इसके साथ ही उन्होंने इस घटना को हिंदू और सिखों के बीच विवाद के रूप में पेश करने वाले नेताओं पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘इस मामले को ऐसे पेश करना दोनों समुदायों के बीच सिर्फ विभाजन करने वाला है.’
मामले को लेकर आर्य ने सोशल मीडिया पर लिखा
चंद्र आर्य ने इस मामले को लेकर अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स एक बयान दिया है. उन्होंने लिखा, "मैं हिंदू और सिख-कनाडाई लोगों की ओर से खालिस्तानी उग्रवादियों की तरफ से हिंदूओं पर ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में किए गए हमले की फिर से कड़ी निंदा करता हूं. हालांकि कुछ नेता जानबूझकर इस हमले में खालिस्तानी उग्रवादियों को जिम्मेदार ठहराने से बच रहे हैं या दोष को किसी और पर डालने की कोशिश कर रहे हैं. वे कनाडाई लोगों को गुमराह करके इसे हिंदू-सिखों के बीच का विवाद बता रहे हैं, जो बिल्कुल सही नहीं है."
उन्होंने कहा, “हिंदू और सिख समुदायों के बीच हमेशा से परिवारिक और सामाजिक संबंध रहे हैं और वे दोनों समुदाय इस मामले में एकजुट हैं. उन्होंने लोगों से अपील की है कि दोनों समुदाय इसी तरह के अंतर करने वाले प्रयासों के खिलाफ एकजुट होकर साबित करें कि वे राजनीति के लिए इस्तेमाल नहीं होने देंगे.”
हिंदू-सिख कनाडाई एक पक्ष में और दूसरे पक्ष में हैं खालिस्तानी उग्रवादी
चंद्र आर्य ने एक्स पर लिखा कि, "कनाडा के नेता इसे इस तरह से दिखा रहे हैं कि हिंदू और सिख दो विरोधी पक्ष हैं, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है. कनाडा में एक पक्ष में हिंदू और सिख-कनाडाई हैं और वहीं दूसरे पक्ष में खालिस्तानी उग्रवादी हैं."
आर्य ने इस हमले के बाद कनाडा के कुछ गुरुद्वारों में खालिस्तानी समर्थकों के बढ़ते प्रभाव को लेकर भी चिंता जताई है और साथ ही उन्होंने इस उग्रवाद पर अपनी आपत्ति जताने वाले पूर्व ब्रिटिश कोलंबिया के मुख्यमंत्री उज्जल दोसांझ का हवाला दिया था.
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