India-Canada Relations: चीन के बाद भारत कनाडा के लिए सबसे बड़ा खतरा- जस्टिन ट्रूडो के देश का नया आरोप
Canada New Allegation: कनाडा ने फिर भारत के खिलाफ जहर उगला है. एक खुफिया रिपोर्ट के आधार पर भारत को कनाडा के लिए दूसरा सबसे बड़ा खतरा बताया है.
Canada new allegation against India: भारत और कनाडा के बीच लंबसे समय से तनाव के बीच नया मामला सामने आया है. वहां की उच्च स्तरीय समित ने भारत को चीन के बाद कनाडा के लिए 'दूसरा सबसे बड़ा विदेशी खतरा' बताया है. 'बिजिनेस टुडे' की रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भी इस समिति के निष्कर्षों पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इसके साथ ही विदेशी हस्तक्षेप के बारे में सरकार की गंभीर चिंताओं पर जोर दिया है.
ऐसा बताया जा रहा है कि कनाडा की जिस राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया संसदीय समिति (NSICOP) ने भारत को दूसरा सबसे बड़ा खतरा बताया है, उस समिति में हाउस ऑफ कॉमन्स और सीनेट दोनों से शीर्ष सुरक्षा मंजूरी प्राप्त सदस्य हैं. कनाडा की यह रिपोर्ट भारत-कनाडा संबंधों में तनाव के बीच जारी हुई है. जस्टिन ट्रूडो खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत के खिलाफ पहले भी जहर उगलते रहे हैं और अब आई रिपोर्ट दोनों देशों के बीच के रिश्तों और महौल को खराब कर सकती है.
कनाडा पहले भी लगा चुका है आरोप
रिपोर्ट में कहा गया, "भारत, रूस को हटाकर कनाडा की लोकतांत्रिक संस्थाओं और प्रक्रियाओं के लिए दूसरा सबसे बड़ा विदेशी हस्तक्षेप खतरा बन गया है. भारत के विदेशी हस्तक्षेप के प्रयास धीरे-धीरे कनाडा में खालिस्तान समर्थक तत्वों का मुकाबला करने से आगे बढ़ गए हैं. इन प्रयासों में कनाडाई लोकतांत्रिक प्रणालियों और संस्थाओं में हस्तक्षेप शामिल है. इसमें कनाडाई राजनेताओं, जातीय मीडिया और इंडो-कनाडाई जातीय सांस्कृतिक समुदायों को निशाना बनाना शामिल है." कनाडा की इस 84 पन्नों की रिपोर्ट में भारत से जुड़े 44 मामले हैं.
भारत की तरफ से नहीं दिया गया जवाब
फिलहाल भारत ने आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. इससे पहले नई दिल्ली ने इसी तरह के कनाडाई दावों का खंडन किया था, साथ ही भारत ने कनाडाई अधिकारियों पर भारतीय मामलों में दखल देने और खालिस्तानी आंदोलन से जुड़े चरमपंथी तत्वों को पनाह देने का आरोप लगाया था.
कनाडा को चीन से सबसे अधिक खतरा
कनाडाई रिपोर्ट में कहा गया कि देश के कुछ संसद सदस्य विदेशी शक्तियों से प्रभावित हो सकते हैं. ये संसद विदेशी मिशनों के लिए काम कर सकते हैं और गोपनीय जानकारी साझा कर सकते हैं. इसमें यह भी अनुमान लगाया गया है कि गोपनीय जानकारी के बदले सांसदों को आर्थिक सहायता भी मिल सकती है. रिपोर्ट में चीन को विदेशी हस्तक्षेप में मुख्य भूमिका निभाने वाला देश बताया गया है. दावा है कि चीन की तरफ से अपनाई गई रणनीतियों का उद्देश्य कम्युनिस्ट पार्टी की वैधता और स्थिरता को मजबूत करना है.
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