कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो का विरोध क्यों करे रहे मुस्लिम और यहूदी, सरकार बनाने में होगी दिक्कत
Canada Pm Justin Trudeau : कनाडा में अगले साल चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में एक सर्वे रिपोर्ट ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को चिंता में डाल दिया है
Canada Pm Justin Trudeau : कनाडा में अगले साल चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में एक सर्वे रिपोर्ट ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को चिंता में डाल दिया है, जिससे ट्रूडो के लिए फिर से सत्ता में लौटना मुश्किल हो सकता है. दरअसल, इजरायल और हमास युद्ध की वजह से मुस्लिम और यहूदियों में जस्टिन ट्रूडो और उनकी लिबरल पार्टी की लोकप्रियता कम हुई, क्योंकि इस युद्ध के दौरान ट्रूडो ने प्रवासियों के बीच तक अपनी बात नहीं पहुंचाई थी, इससे लोगों में नाराजगी है. इसलिए जस्टिन ट्रूडो और उनकी लिबरल पार्टी की लोकप्रियता देश के मुस्लिमों और यहूदियों के बीच कम हुई है. कुछ समय पहले तक इन समुदायों की पहली पसंद ट्रूडो बने हुए थे.
एंगस रीड इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष शची कर्ल का कहना है कि लिबरल्स की राजनीति में प्रवासियों की बहुत अहमियत रही है.ऐसे में यह स्थिति ट्रूडो के लिए चिंताजनक है. सीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, सर्वे में 42 यहूदी मतदाताओं के लिए कंजर्वेटिव और 33 प्रतिशत के बीच लिबरल पार्टी पहली पसंद है. ट्रूडो की पार्टी कनाडाई मुसलमानों के बीच एनडीपी से 41 के मुकाबले 31 प्रतिशत से पीछे है. कनाडा में 2015 में मुस्लिम मतदाताओं ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को बहुमत की सरकार बनाने में मदद की थी, लेकिन गाजा में इजरायल और हमास युद्ध ने अब स्थिति को बदल दिया है. मुसलमानों, यहूदियों के अलावा ट्रूडो की पार्टी को हिन्दुओं और सिखों का भी विरोध झेलना पड़ रहा है. हालांकि, विपक्षी नेता पियरे पोइलिवरे और कंजर्वेटिव पार्टी ईसाइयों, हिंदुओं और सिखों की पहली पसंद हैं. एंगस रीड इंस्टीट्यूट के सर्वे में कहा गया कि 53 फीसदी हिंदुओं और 54 फीसदी सिखों ने कंजर्वेटिव पार्टी को पसंद किया है.
युद्ध की नहीं की निंदा, इसलिए हो रही विरोध
एंगस रीड इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष शची कर्ल का कहना है कि लिबरल्स की राजनीति में प्रवासियों की अहमियत है. ऐसे में यह बहुत अच्छी स्थिति नहीं लगती है. यहूदी प्रवासी कह रहे हैं कि सरकार हमास की निंदा करने और कनाडा में यहूदी विरोधी भावना को रोकने में विफल रही. मुस्लिम आबादी मान रही है कि ट्रूडो सरकार ने गाजा में इजरायली रक्षा बलों के हमलों की खुलकर आलोचना नहीं की.