क्या इजरायल के पीएम नेतन्याहू को गिरफ्तार करेगा कनाडा, वारंट जारी होने के बाद ट्रूडो का चौंकाने वाला बयान
Western Countries on ICC Warrant : ICC की ओर से जारी वारंट का ब्रिटेन, इटली, कनाडा, आयरलैंड समेत कई देशों ने समर्थन किया है. वहीं, अमेरिका, हंगरी जैसे देशों ने इस वारंट को मानने से इनकार कर दिया है.
Canada on ICC’s Arrest Warrant : कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) की ओर से जारी गिरफ्तारी वारंट को लेकर शुक्रवार (22 नवंबर) को बड़ा बयान दिया था. जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि उनका देश अंतरराष्ट्रीय कानून और अदालत के फैसलों को पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है. ट्रूडो के बयान से ये तो साफ हो गया कि आईसीसी से वारंट जारी होने के बाद अगर बेंजामिन नेतन्याहू कनाडा आते हैं तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
ट्रूडो का ये बयान तब जब अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के साथ-साथ हमास के सैन्य कमांडर के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया.
जस्टिन ट्रूडो ने ICC के वारंट पर क्या कहा?
कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने शुक्रवार (22 नवंबर) को दिए अपने बयान में कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण है. यह कुछ ऐसा है जिसे हम संघर्ष की शुरूआत से ही कह रहे हैं. हम अंतरराष्ट्रीय कानून के समर्थन में खड़े हैं और अंतरराष्ट्रीय अदालतों के सभी नियमों और निर्णयों का पालन करेंगे. यह हमारे लिए एक कनाडाई पहचान का हिस्सा है.’
ICC ने क्यों जारी किया गिरफ्तारी का वारंट?
ICC ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट पर आरोप है कि उन्होंने इजरायल-हमास युद्ध के दौरान मानवता के खिलाफ अपराधों को अंजाम दिया. यह दोनों देशों के बीच ये संघर्ष पिछले एक साल से जारी है. इजरायल के पीएम और पूर्व रक्षा मंत्री के अलावा आईसीसी ने हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद देव के खिलाफ भी वारंट जारी किया है. वहीं, इजरायल ने दावा किया था कि जुलाई में गाजा पर हुए एक हवाई हमले में हमास का सैन्य कमांडर मोहम्मद देव मारा गया था.
इजरायल और हमास ने वारंट पर दी प्रतिक्रिया
इजरायल और हमास दोनों ने अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय की ओर से जारी वारंट का मानने से इनकार कर दिया है. इजरायल ने आईसीसी के इस फैसले को यहूदी विरोधी बताया है. वहीं, इजरायल के कनाडाई राजदूत डो मोइड ने कनाडा की सरकार से आग्रह किया है कि वह इस फैसले को खारिज कर दें. उन्होंने इस फैसले का इजरायल की आत्मरक्षा के अधिकार के खिलाफ बताया है.
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