Caste Based Oppression: जाति-आधारित उत्पीड़न से कैसे निपटा जाए, टोरंटो में स्कूल बोर्ड करेगा तय
Toronto: जाति आधारित उत्पीड़न प्रस्ताव में शामिल करने का कारण ये है कि दक्षिण एशिया और कैरेबियन में अलग-अलग विश्वास समुदायों की ओर से उत्पीड़न का अनुभव किया जाता है.
Toronto Caste Based Oppression: कनाडा के सबसे बड़े शहर टोरंटो (Toronto) में स्कूल बोर्ड बुधवार (8 मार्च) को तय करेगा कि जाति आधारित उत्पीड़न से कैसे निपटा जाए.
यह प्रस्ताव देश के सबसे बड़े 22-सदस्यीय टोरंटो डिस्ट्रिक्ट स्कूल बोर्ड (TDSB) के सामने 8 मार्च को आएगा. इसे बोर्ड की शासन और नीति समिति की तरफ से एक महीने पहले पारित किया गया था. जाति आधारित उत्पीड़न प्रस्ताव TDSB ट्रस्टी यालिनी राजकुलसिंगम की ओर पेश किया गया था और उनकी सहयोगी अनु श्रीकंदराजा ने इसका समर्थन किया था.
उत्पीड़न का अनुभव किया जाता है
प्रस्ताव में शामिल कारण ये हैं कि दक्षिण एशिया और कैरेबियन में अलग-अलग विश्वास समुदायों की ओर से जाति-आधारित उत्पीड़न का अनुभव किया जाता है और टोरंटो सहित आप्रवासियों में जाति-आधारित भेदभाव में बढ़ोतरी हुई है. इसमें कहा गया है कि जाति की पहचान किसी इंसान के सरनेम, फैमिली बिजनेस, खान-पान और संबंधित क्षेत्र से की जा सकती है.
कोई डेटा उपलब्ध नहीं है
ये कार्यकर्ताओं का एक कार्य समूह बनाने की कोशिश कर रही है, जिसमें दलित के रूप में खुद की पहचान और जाति-उत्पीड़ित समूह शामिल हैं. कर्मचारियों के पास जाति-आधारित भेदभाव को परिभाषित करने, कोर्स का नेतृत्व करने और जाति उत्पीड़न और व्यावसायिक विकास पर निर्देश देने का जनादेश होगा. TDSB ने माना है कि सिस्टम के भीतर जाति आधारित भेदभाव के उदाहरण के लिए कोई डेटा उपलब्ध नहीं है. हालांकि, राजकुलासिंगम ने फरवरी में समिति की बैठक के दौरान तर्क दिया कि इस तरह की व्यवस्था उस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाएगी.
इंडो-कनाडाई समूहों को नाराज कर दिया
प्रस्ताव ने इंडो-कनाडाई समूहों को नाराज कर दिया है और उन्हें चिंतित कर दिया है. कैनेडियन ऑर्गनाइजेशन फॉर हिंदू हेरिटेज एजुकेशन (COHHE) के एक बयान में कहा कि जाति प्रस्ताव दक्षिण एशियाई लोगों को जांच के लिए अलग करता है और इस तरह ये दक्षिण एशियाई लोगों को रूढ़िबद्ध करता है, उनके खिलाफ पूर्वाग्रह पैदा करता है, जिसे नफरत और भेदभाव का रास्ता तैयार हो जाएगा. हमसे (दक्षिण एशियाई) के बिना किसी परामर्श के कार्यकर्ताओं ने ही शुरू करने का फैसला ले लिया.
वहीं संगठन ने कहा कि ये किसी भी प्रकार के जाति उत्पीड़न के खिलाफ खड़ा है और हमें कभी भी जाति उत्पीड़न' के बारे में कोई शिकायत नहीं मिली है. वही TDSB के प्रस्ताव के प्रति अपना विरोध व्यक्त करने के लिए, इंडो-कनाडाई सामुदायिक कार्यकर्ता बुधवार को बोर्ड की बैठक शुरू होने से पहले टोरंटो में टीडीएसबी मुख्यालय के सामने छात्रों और निवासियों के माता-पिता को शामिल करते हुए एक प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं.