Us Nato Meeting : अमेरिका में हो रही नाटो की मीटिंग में कनाडा को डांट पड़ सकती है. कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो पर आरोप है कि वह नाटो को कमजोर रहे हैं. इसकी वजह से ट्रूडो नाटो सदस्य देशों के निशाने पर हैं. इसके लिए कनाडा के खिलाफ पत्र लिखकर नाराजगी भी जाहिर की गई है. दरअसल, कनाडा पर आरोप है कि वह सैन्य खर्च के लक्ष्य को पूरा नहीं कर रहा है. उसने नए उपकरणों में पर्याप्त निवेश भी नहीं किया है. अब नाटो की मीटिंग अमेरिका में हो रही है, जाहिर है कि इस मुद्दे को वहां काफी उछाला जा सकता है. बैठक में नाटो सदस्य कनाडा पर अधिक धन देने का दबाव भी डाल सकते हैं. 


23 देश कर रहे लक्ष्य पूरा, कनाडा फिसड्डी
न्यूज पोर्टल पोलिटिको की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी विदेश विभाग के पूर्व हथियार नियंत्रण अधिकारी मैक्स बर्गमैन का कहना है कि हर कोई अधिक खर्च कर रहा है, लेकिन कनाडा कोशिश भी नहीं कर रहा है.रिपोर्ट में बताया गया कि 23 अमेरिकी सीनेटरों  ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को पत्र में निराशा व्यक्त की. इसमें कनाडा से अपने जिम्मेदारी निभाने के लिए अपील की गई है. नाटो देशों ने 2014 में अपने देश की जीडीपी का 2% रक्षा पर खर्च करने की प्रतिबद्धता जताई थी. 32 देशों में से 23 इस लक्ष्य को हासिल करने वाले हैं, लेकिन कनाडा अभी पीछे है. कनाडा के इस रुख पर नाटो राजनयिक और अधिकारी अपनी चिंताएं व्यक्त कर चुके हैं. कुछ का तो यही मानना है कि कनाडा नाटो को कमजोर कर रहा है. अमेरिकी कांग्रेस अधिकारी ने कहा कि वे कनाडा पर दबाव बनाना जारी रखेंगे, क्योंकि लक्ष्य को हासिल न करने पर कोई जुर्माना नहीं है.


2 प्रतिशत की सीमा न्यूनतम है
अब अमेरिका में हो रहे नाटो सम्मेलन में यूक्रेन युद्ध से लेकर कई बड़े मुद्दे उठा जाएंगे. इसमें नाटो के रक्षा बजट का भी मुद्दा उठेगा.बताया जाएगा कि रक्षा बजट के लिए के लिए 2 प्रतिशत सीमा नहीं, बल्कि यह न्यूनतम लिमिट है. अमेरिका, पोलैंड, नॉर्वे और एस्टोनिया जैसे देश पहले ही 2% की सीमा को पार कर चुके हैं.