China On Canada: चीन के रक्षा मंत्रालय ने शनिवार (4 नवंबर) को दावा किया कि दक्षिण चीन सागर में उसके क्षेत्र के पास कनाडा के एक हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी जो बीजिंग की संप्रभुता और सुरक्षा का उल्लंघन है. चीन ने इस मुद्दे पर कनाडा की आलोचना की है और इसे दुर्भावनापूर्ण और भड़काऊ कृत्य बताया है. 


एक दिन पहले ही कनाडा के रक्षा मंत्री ने आरोप लगाया था कि चीनी लड़ाकू विमानों ने दक्षिण चीन सागर में अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में एक कनाडाई हेलीकॉप्टर पर फ्लेयर्स फायर की थीं.


चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ये बोले


टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने कहा कि अज्ञात इरादों वाले कनाडाई सैन्य हेलीकॉप्टर ने चीनी और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन किया है. चीनी रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि गुप्त उद्देश्यों के साथ यह एक दुर्भावनापूर्ण और भड़काऊ कृत्य था. प्रवक्ता ने यह भी कहा कि चीन की प्रतिक्रिया पेशेवर और मानदंडों के अनुरूप थी.


कनाडा का चीन पर आरोप


वहीं, कनाडा के रक्षा मंत्री बिल ब्लेयर ने चीन पर असुरक्षित अभ्यास करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि 29 अक्टूबर को एक चीनी जेट ने एक कनाडाई हेलीकॉप्टर के ऊपर से उड़ान भरी, जिससे उसमें काफी टर्बुलेंस का अनुभव हुआ. बाद में दिन में एक अन्य जेट ने सीधे हेलीकॉप्टर के सामने फ्लेयर्स छोड़ दीं, जिससे बचने के लिए उसे अपनी दिशा बदलने पर मजबूर होना पड़ा.


उन्होंने रिपोर्टरों से कहा कि ऐसे अभ्यास जवानों की सुरक्षा को अनावश्यक जोखिम में डालते हैं. उन्होंने कहा कि ओटावा ने चीनी जेट विमानों की हाल की कार्रवाइयों को काफी असुरक्षित माना है.


कनाडाई हेलीकॉप्टर और एचएमसीएस ओटावा युद्धपोत अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग के रूप में निकाय की स्थिति को मजबूत करने के लिए अमेरिका और संबद्ध नेविगेशन क्रॉसिंग की स्वतंत्रता के हिस्से के रूप में दक्षिण चीन सागर में थे.


दक्षिण चीन सागर को लेकर आक्रामक ड्रैगन


रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. दक्षिण चीन सागर को लेकर चीन आक्रामक है. उसने यहां अपने सैकड़ों जहाजों और विमानों को तैनात किया है. इस वजह से हाल में फिलीपींस और वियतनामी जहाजों के साथ चीन की झड़प हुई थी जो वाशिंगटन और उसके क्षेत्रीय सहयोगियों के लिए बढ़ती चिंता का विषय बन गया.


US ने कहा था- दो शक्तियों के बीच अनजाने में हो सकता है संघर्ष


अमेरिका ने हाल में चीन पर साउथ चाइना सी में अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में उड़ान भरने वाले अमेरिकी सैन्य विमानों के खिलाफ खतरनाक और उत्तेजक अभ्यास का  ठोस अभियान चलाने का आरोप लगाया था और चेतावनी दी थी कि इस तरह के कदमों से दोनों शक्तियों के बीच अनजाने में संघर्ष हो सकता है.


बता दें कि बीजिंग करीब पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है. इसके माध्यम से हर वर्ष अरबों डॉलर का व्यापार होता है. चीन अंतरराष्ट्रीय अदालत के फैसले को भी नजरअंदाज कर चुका है.


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