Canada Media Outlet blames Indian Agents : कनाडा और कनाडाई मीडिया भारत सरकार और भारतीय एजेंटों पर लगातार फर्जी आरोप लगा रही है. मंगलवार (3 दिसंबर) को एक कनाडाई मीडिया आउटलेट ने भारतीय एजेंटों पर 2022 में कनाडा की कंजरवेटिव पार्टी के लीडरशिप चुनाव में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है. फिलहाल पियरे पोलिवेरे कंजरवेटिव पार्टी की अध्यक्षता कर रहे हैं.
मीडिया आउटलेट ने दावा किया है कि कंजरवेटिव पार्टी 2025 के कनाडाई आम चुनाव में जस्टिन ट्रूडो की अगुवाई वाली लिबरल पार्टी को हराकर जीत की दावेदार है. हालांकि कंजरवेटिव पार्टी के लीडरशिप चुनाव प्रक्रिया से सीधे जुड़े लोगों ने इस कनाडाई समाचार आउटलेट के दावों को सिरे से नकार दिया है.
अज्ञात सूत्रों के हवाले से क्या किया दावा?
CBC न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अज्ञात सूत्रों ने रेडियो-कनाडा को दावा करते हुए यह बताया कि भारत सरकार ने 2022 में पैट्रिक ब्राउन के कंजरवेटिव पार्टी के नावी अभियान को पटरी से उतारने की कोशिश की थी. हालांकि पैट्रिक ब्राउन ने चुनाव में हस्तक्षेप के दावे को सिरे से खारिज कर दिया है. पैट्रिक ब्राउन फिलहाल ब्रैम्पटन के मेयर हैं.
CBC न्यूज के अनुसार, भारतीय सरकार ने कथित तौर पर 2022 में कंजरवेटिव पार्टी की सांसद मिशेल रेम्पल गार्नर पर पैट्रिक ब्राउन के लिए अपना समर्थन वापस लेने का दबाव डाला था. दिलचस्प बात है कि रेम्पल गार्नर ने भी इन आरोपों का खंडन किया है. गार्नर 2022 में ब्राउन के राष्ट्रीय अभियान की सह-अध्यक्ष थीं लेकिन उन्होंने 16 जून, 2022 को कंजरवेटिव लीडरशिप चुनाव के बीच में ही उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद वह अभियान में वापस नहीं आईं.
पियरे पोलिवेरे ने जीता था लीडरशिप चुनाव
कनाडा के कंजरवेटिव का लीडरशिप चुनाव पियरे पोलिवेरे ने निर्णायक रूप से जीत लिया था, जो वर्तमान में कंजरवेटिव पार्टी के नेता हैं. सितंबर 2022 में, पोलिवेरे ने पहले बैलट में 68% अंक प्राप्त कर जीत हासिल की थी. इससे पहले ब्राउन को जुलाई 2022 में चुनावी में गंभीर गड़बड़ियों के आरोपों के चलते कंजरवेटिव पार्टी के अधिकारियों ने अयोग्य ठहराया था. हालांकि, CBC रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि पोलिवेरे को "भारतीय एजेंटों" की ओर से कथित हस्तक्षेप के बारे में कोई जानकारी नहीं थी.
पैट्रिक ब्राउन ने भी आरोपों का किया खंडन
पैट्रिक ब्राउन ने 2 दिसंबर (सोमवार) को एक बयान जारी कर उन रिपोर्टों को खारिज किया, जिसमें कहा गया था कि हस्तक्षेप के कारण चुनाव परिणाम में बदलाव आया.
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