Canadian MP Condemns Attacks on Journalists: कनाडा में भारतीय मूल के एक सांसद ने खालिस्तानी आतंकवाद पर रिपोर्ट करने वाले पत्रकारों पर हमलों को लेकर चिंता जाहिर की है और अधिकारियों से ऐसे मामलों से सख्ती से निपटने को कहा है. 'हाउस ऑफ कॉमन्स’ में नेपियन से सांसद चंद्र आर्य ने शुक्रवार, 11 अक्टूबर को संसद को संबोधित करते हुए कहा, "मैं कनाडा में खालिस्तानी आतंकवाद पर रिपोर्ट करने वाले पत्रकारों पर हमलों से बहुत चिंतित हूं."


"कानून लागू करने वाली एजेंसियों को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए"


कुछ दिनों पहले ‘रेड एफएम कैलगरी’ के ऋषि नागर पर हुए हमलों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि ग्रेटर टोरंटो क्षेत्र और पूरे कनाडा में खालिस्तानी आतंकियों की ओर से कई और हमले किए गए हैं. उन्होंने कहा, "मैं कानून लागू करने वाली एजेंसियों से अपील करता हूं कि वे खालिस्तानी आतंकवाद को पूरी गंभीरता से लें. इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, इससे सख्ती से निपटना होगा."


सांसद ने याद दिलाया कि मार्च 2023 में "रेडियो एएम600" के समीर कौशल पर खालिस्तान विरोध प्रदर्शन को कवर करने के लिए हमला किया गया था. उन्होंने कहा कि फरवरी 2022 में ‘ब्रैम्पटन रेडियो’ के होस्ट दीपक पुंज पर खालिस्तान से संबंधित हिंसा की आलोचना करने के लिए उनके स्टूडियो में हमला किया गया था. आर्य ने कहा कि आतंकवादी मामलों पर खोजी पत्रकार मोचा बेजिर्गन को खालिस्तानी आतंकवाद पर उनकी निर्भीक रिपोर्टिंग के लिए जान से मारने की धमकी मिली है.


जब संसद में सांसद चंद्र आर्य ने खालिस्तानियों का जमकर धोया 


पिछले वर्ष सितंबर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तानी समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट की ‘‘संभावित’’ संलिप्तता के आरोप लगाने के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंधों में गंभीर तनाव पैदा हो गया था. भारत ने ट्रूडो के आरोपों को खारिज कर दिया था.


इस साल कनाडा की संसद में निज्जर की मौत पर बरसी मनाई गई थी और मौन भी रखा गया था. तब सांसद चंद्र आर्य ने संसद में 1983 में हुए फ्लाइट विस्फोट पर सबका ध्यान खींचा था. उन्होंने कहा, "39 साल पहले एयर इंडिया की फ्लाइट को आकाश में उड़ा दिया गया था, जिसमें 329 यात्रियों समेत चालक दल की मौत हो गई थी. कनाडा के इतिहास में इस तरह का यह सबसे बड़ा हमला था, जिसमें कुल 268 कनाडाई लोगों की मौत हुई थी." 


सांसद चंद्र आर्य ने ये बयान ऐसे वक्त में दिया है जब कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रुडो की कुर्सी जाने का खतरा मंडरा रहा है. उपचुनाव हारने के बाद पार्टी में टूट के आसार लग रहे हैं.


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