khalistan issue in Canada: अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने ब्रिटिश कोलंबिया के सरे शहर में तथाकथित खालिस्तान जनमत संग्रह के मतदान के लिए एक नई तारीख की घोषणा की है. जनमत संग्रह अब 29 अक्टूबर को होगा. यह बदलाव कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पियरे पोइलिवरे की ओर से खालिस्तान समर्थक गतिविधियों पर अपनाए गए रुख के कुछ दिनों बाद आया है.


एसएफजे के वकील गुरपतवंत पन्नून ने गुरुवार को एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा, "जी20 के दौरान, पीएम ट्रूडो ने खालिस्तान के लिए शांतिपूर्वक वकालत करने के कनाडाई सिखों के अधिकार का बचाव किया."


कनाडा के विपक्षी दल के प्रमुख ने कही ये बात 


वहीं, दूसरी ओर सरे शहर में पंजाबी प्रेस क्लब में एक कार्यक्रम के दौरान, पोइलिवरे ने कहा, “मैं व्यक्तिगत रूप से एकजुट भारत में विश्वास करता हूं जैसे मैं एकजुट कनाडा में विश्वास करता हूं. पर मेरा मानना है कि लोगों को असहमत होने की भी आजादी है. आप कोई भी राय व्यक्त कर सकते हैं, यहां तक कि वे राय भी जिनसे मैं सहमत नहीं हूं, और उन राय को शांतिपूर्ण ढंग से व्यक्त किया जाना चाहिए."


जी-20 के दौरान पीएम मोदी ने उठाया था मुद्दा


बता दें कि जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान दिल्ली में ट्रूडो के साथ अपनी अलग बैठक के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कनाडा में चरमपंथी तत्वों की भारत विरोधी गतिविधियों के संबंध चिंता व्यक्त की थी. इस पर कनाडा के पीएम ट्रूडो ने कहा था "समय आ गया है कि हम हिंसा को रोकने और नफरत को पीछे धकेलने के लिए हमेशा मौजूद रहें. मुझे लगता है कि इस समुदाय के मुद्दे पर, ये याद रखना महत्वपूर्ण है कि कुछ लोगों की हरकतें पूरे समुदाय या कनाडा का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं. इसका दूसरा पहलू यह है कि हमने कानून के शासन का सम्मान करने के महत्व पर भी प्रकाश डाला और हमने विदेशी हस्तक्षेप के बारे में भी बात की."


ये भी पढ़ें


Himachal: 'बेहद देर से आईं, जब हिमाचल को जरूरत थी तब...', प्रियंका गांधी के दौरे पर बोले जयराम ठाकुर