Khalistani Protests: भारत ने गुरुवार (06 जुलाई) को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के उस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है जिसमें उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि कनाडा की धरती पर सभी को अभिव्यक्ति की आजादी है. भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने जोर देकर कहा कि ऐसी स्वतंत्रता का इस्तेमाल हिंसा भड़काने या आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने  के लिए नहीं किया जा सकता. 


अरिंदम बागची ने कहा है कि कनाडा सरकार से दो टूक कहा गया है कि वो हिंसा और अलगाववाद का प्रचार करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे. बागची ने आगे कहा कि मुद्दा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का नहीं है, बल्कि हिंसा की वकालत करने, अलगाववाद का प्रचार करने और आतंकवाद को वैध बनाने के लिए इसके दुरुपयोग का है.


ट्रूडो ने क्या कहा था?


कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि वो खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई करने के इच्छुक नहीं हो सकते हैं क्योंकि वह सिख वोटों पर भरोसा करते हैं. इसके साथ ही कनाडाई पीएम ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार हमेशा आतंकवाद के खिलाफ गंभीर कार्रवाई करती है और हमेशा करेगी.


इतना ही नहीं, हाल ही में ट्रूडो ने कहा कि कनाडा विविधता वाला देश है. यहां सबको अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है. भारत का कनाडा की धरती पर सिख उग्रवाद होने की बात कहना गलत है. ट्रूडो ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान का भी उल्लेख किया और कहा कि 'कट्टरपंथी, चरमपंथी' विचारधाराएं 'न तो हमारे लिए, न उनके लिए और न ही हमारे संबंधों (एक दूसरे के साथ)' के लिए अच्छी हैं.


8 जुलाई को विवादित रैली आयोजित 


ट्रूडो का यह बयान 8 जुलाई को आयोजित रैली के दो दिन पहले आया है. गौरतलब है कि खालिस्तान समर्थकों ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद "किल इंडिया" पोस्टर जारी किया है. पोस्टर पर कनाडा के ओटावा में भारतीय दूतावास के हाई कमिशनर संजीव कुमार वर्मा और टोरंटो में कॉन्सुलेट जनरल अपूर्वा श्रीवास्तव का फोटो लगाया गया है. 


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