Singapore: सिंगापुर में रहने वाले भारतीय मूल की 64 वर्षीय महिला ने अपनी बेटी की नौकरानी को तब तक प्रताड़ित किया जब तक कि उसकी मौत नहीं हो गई. इस मामले में महिला को सोमवार को दोषी ठहराया गया. महिला ने खुद जानबूझकर प्रताड़ित करने सहित कुल 48 आरोप स्वीकार किए. दोषी महिला का नाम प्रेमा एस. नारायणस्वामी है. वहीं मृतक युवती का नाम पिआंग गाह दोन था.


चैनल न्यूज एशिया ने बताया कि प्रेमा एस. नारायणस्वामी ने अपनी बेटी की नौकरानी को जानबूझकर कर चोट पहुंचाने की बात स्वीकार की. इसके साथ ही सीसीटीवी फुटेज में पाया गया कि 26 जुलाई, 2016 को म्यांमार की 24 वर्षीय नौकरानी के साथ लगातार गलत व्यवहार किया गया. लगातार 14 महीने तक उसके साथ बार-बार मारपीट हुई, उसे प्रताड़ित किया जाता रहा. मारपीट की वजह से उसके मस्तिष्क में गंभीर चोट लग गई और उसकी मौत हो गई. 


सीसीटीवी में देखा गया प्रताड़ित करते हुए फुटेज 


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नौकरानी की गर्दन पर किसी भारी वस्तु से वार किए जाने का निशान मिला था. सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि जब बुजुर्ग महिला ने देखा कि उसकी बेटी अपनी नौकरानी के साथ मारपीट करती है, तब उसने भी नौकरानी को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया. फुटेज के अनुसार, नौकरानी के ऊपर बुजुर्ग महिला पानी डालती, थप्पड़, लात-घूसों से मारती, उसकी गर्दन पकड़ कर उसे पीटती, उसके बाल खींचती आदि.


39 से घटकर 24 किग्रा हो गया था नौकरानी का वजन 


पिआंग ने जब प्रेमा की बेटी के परिवार के लिए मई, 2015 में काम करना शुरू किया तो उसका वजन 39 किलोग्राम था, जो मृत्यु के वक्त घटकर महज 24 किलोग्राम रह गया था.


गैर इरादतन हत्या का सबसे बुरा मामला


हाई कोर्ट के जज सीकी ओन ने माना कि यह गैर इरादतन हत्या का सबसे बुरा मामला है और इसमें पिआंग को मृत्यु से पहले लंबे समय तक शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी थी.


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