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CDC ने हवा से कोरोना वायरस के फैलने की बात को पहली बार माना, संशोधित की गाइडलाइन्स
सीडीसी की ये स्वीकृति उसके पुराने स्टैंड में आए बदलाव को दर्शाता है. एजेंसी ने कहा कि वायरस के फैलाव को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का इस्तेमाल समेत उसकी सिफारिश समान है.
![CDC ने हवा से कोरोना वायरस के फैलने की बात को पहली बार माना, संशोधित की गाइडलाइन्स CDC acknowledges first time coronavirus can spread by air, updated its guidelines CDC ने हवा से कोरोना वायरस के फैलने की बात को पहली बार माना, संशोधित की गाइडलाइन्स](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/05/10/6e66835f61f17e133d8a29b255f21dd9_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों ने पहली बार स्वीकार किया है कि कोरोना वायरस हवा के जरिए फैल सकता है. 7 मई को सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने गाइडलाइन्स को संशोधित करते हुए बताया कि कि कैसे कोरोना वायरस फैलता है. उसमें स्पष्ट रूप से बड़े, बोल्ड अक्षर में कहा गया है, "वायु जनित वायरस सांसों के जरिए संक्रमित शख्स से छह फीट की दूरी पर होने के बावजूद शरीर में दाखिल हो सकता है."
हवा से भी फैल सकता है कोरोना वायरस- CDC
सीडीसी ने अपनी वेबसाइट में शामिल किया कि तीन मोड से वायरस फैल सकता है. गाइडलाइन्स में पहले कहा गया था कि वायरस 'कभी-कभी वायु जनित ट्रांसमिशन से खास परिस्थिति में फैल सकता है' लेकिन अधिकतर 'निकट संपर्क' से, न कि वायुजनित ट्रांसमिशन से. सीडीसी की ये स्वीकृति उसके पुराने स्टैंड में आए बदलाव को दर्शाता है. एजेंसी ने कहा कि वायरस के फैलाव को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का इस्तेमाल समेत उसकी सिफारिश समान है. बयान में कहा गया, "हालांकि हवा से कोरोना के फैलने की हमारी समझ में बदलाव आया है, लेकिन वायरस से संक्रमण रोकने के तरीके नहीं बदले हैं. सीडीसी के सभी एहतियाती उपाय ट्रांसमिशन की इन शक्लों के लिए प्रभावी हैं.
अमेरिकी एजेंसी की संशोधित गाइडलाइन्स जारी
गाइडलाइन्स में स्वीकार किया गया है कि लोगों में बीमारी के फैलाव का एक जरिया वायरल कणों से प्रदूषित वातावरण में सांस लेना भी है. आगे बताया कि कोरोना किसी संक्रमित शख्स की सांस से फैल सकता है क्योंकि सांस से वायरल के कणों का स्राव होता है जिनमें वायरस मौजूद होता है. ये कण सांस के दूषित आंख, नाक, मुंह और हाथ के छूने से अन्य लोगों के शरीर में जा सकता है.
महामारी की शुरुआत से सीडीसी और विश्व स्वास्थ्य संगठन को संक्रामक रोग विशेषज्ञों ने चेताया था कि ऐसे ठोस सबूत मौजूद हैं जिनसे संकेत मिलता है कि कोरोना वायरस हवा से भी फैल सकता है. वर्जिनीया टेक में एयरोसेल विशेषज्ञ लिनसे मर ने कहा, "सीडीसी ने अब ताजा वैज्ञानिक सबूत के हवाले से गाइडलाइन्स जारी की है और ट्रांसमिशन के बारे में पुरानी सोच से छुटकारा हासिल किया है." कई वैज्ञानिकों ने एजेंसी के निकट संपर्क की परिभाषा को रद्द करने का स्वागत किया है.
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