Chandrayaan-3: भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो 23 अगस्त यानी आज बुधवार के दिन इतिहास बनाने की तैयारी में है. दुनियाभर की नजरें भारत के चंद्रयान-3 पर टिकी हैं. दरअसल, आज चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी. गौरतलब है कि भारत का चंद्रयान-3 चंद्रमा के उस दक्षिणी ध्रुव की सतह पर उतरने वाला है, जहां इससे पहले दुनिया के किसी भी देश को उपग्रह उतारने में सफलता नहीं मिली है. 


इससे पहले अमेरिका के अपोलो 11 मिशन को लेकर कई तरह के दावे किए जाते हैं. अपोलो मून मिशन को अभी भी मानव सभ्यता की सबसे महान तकनीकी उपलब्धि माना जाता है. दरअसल, 16 जुलाई 1969 को अमेरिका के अपोलो 11 मिशन के साथ नील आर्मस्‍ट्रॉन्‍ग और बज आल्ड्रिन चांद पर गए थे. इस मिशन के जरिये नील आर्मस्‍ट्रॉन्‍ग ने जहां चांद पर सबसे पहले कदम रखने वाले इंसान का रिकॉर्ड बनाया था, वहीं आल्ड्रिन वह इकलौते शख्‍स हैं जिन्‍होंने चांद पर पेशाब की थी. 


आल्ड्रिन ने अपनी ऑटोबायोग्राफी में किया है जिक्र


आल्ड्रिन ने अपनी ऑटोबायोग्राफी 'नो ड्रीम इज टू हाई' में इस रोचक किस्‍से के बारे में लिखा है. आल्ड्रिन ने लिखा कि 'नील ने इंसान के लिए एक छोटा कदम लिया तो इंसानी सभ्‍यता के लिए महाविशाल कदम उठाया था. मैंने इंसान के लिए एक छोटा कदम लिया तो इंसानी सभ्‍यता के लिए विशाल लीक किया.' 


सीढ़ी से उतरने वक्त हुई थी चूक  


दरअसल, एल्ड्रिन जानबूझकर चांद पर पेशाब करने वाले पहले शख्स नहीं बने थे. बल्कि उनसे चूक हो गई थी. हुआ यूं कि जब वह अपोलो 11 लैंडर की सीढ़ी से उतरने की कोशिश कर रहे थे, उसी वक्त उनके स्पेस सूट में रखे एक खास बैग से पेशाब निकलकर चांद पर फैल गया. बता दें कि आल्ड्रिन और आर्मस्‍ट्रॉन्‍ग ने चांद उतारते वक्त डायपर पहन रखा था. इसके साथ ही आल्ड्रिन नील आर्मस्‍ट्रॉन्‍ग के बाद मूनवॉक करने वाले दूसरे अंतरिक्ष यात्री बन गए. आल्ड्रिन ने उस मिशन पर तीन बार चांद पर चहलकदमी की थी.


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