चीन में इन दिनों अफरातफरी का माहौल है. चीन ने अपने नागरिकों को रोजर्मरा की जरूरी चीजों को स्टॉक करने का निर्देश दिया है. जिसके बाद सवाल पूछे जा रहे हैं कि ये कोरोना की वजह से है या चीन कोई नई जंग शुरू करने जा रहा है. इन दिनों लोगों के कदम खुद ब खुद दुकानों और मॉल्स की तरफ खींचे चले जा रहे हैं. लोग जरूरत की चीजें तो जुटा ही रहे हैं साथ ही चावल, नूडल्स, तेल और नमक जैसी जरूरी चीजों को जुटा रहे हैं. 


चीनी नागरिकों को रोजमर्रा की जरूरी चीजों का स्टॉक जुटाने के निर्देश के बाद हालात बिगड़ गए. एक बीजिंग निवासी हू चुनमेई ने कहा, 'मैं पैनिक में नहीं हूं पर मुझे लगता है कि हमें पहले के मुकाबले ज्यादा अलर्ट रहना चाहिए. ये ताइवान के साथ तनाव बढ़ने से असर है.'


फिर से लॉकडाउन लगने की भी अफवाह
यानी चीन की जनता मान रही है कि चीन ताइवान पर हमला कर सकता है और फिर प्रतिबंधों या युद्ध से लोगों को राशन की कमी का सामना करना पड़ सकता है. वहीं दूसरी संभावना ये है कि चीन फिर से लॉकडाउन लगाने की तरफ बढ़ रहा है. 17 अक्टूबर से एक नवंबर के बीच चीन में 538 लोकल केस सामने आए थे. लगातार टेस्टिंग और वैक्सीनेशन के बाद भी ये केस सामने आना चीन के लिए खतरे की घंटी है. 


दिसंबर में जब कोरोना का पहला केस सामने आया था तब चीन ने कठोर लॉकडाउन से कोरोना को खत्म किया था. अब आशंका है कि केस और बढ़े तो चीन फिर से लॉकडाउन की तरफ जा सकता है और यही डर लोगों को सता रहा है. 


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