शिकागोः कोरोना वायरस संक्रमण ने दुनियाभर में आम जिंदगी को बुरी तरह प्रभावित किया है. लाखों लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं और अपनी जान भी गंवा चुके हैं. हालांकि इस बीमारी से उबरने वालों की संख्या भी कम नहीं है और कई मरीज ठीक भी हो रहे हैं. इसके बावजूद एक ऐसा मामला आया है, जो कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके मरीजों को सतर्क करने के लिए जरूरी है.


कोरोना के कारण हुए दोनों फेफड़े खराब


कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देश अमेरिका के शिकागो राज्य में एक ऐसा मामला आया है, जहां इस वायरस के संक्रमण से उबर चुके 2 मरीजों को अपने फेफड़े बदलवाने पड़े, क्योंकि वायरस के कारण उनके फेफड़े खराब हो गए थे.


28 साल की मायरा रामिरेज और 62 साल के ब्रायन कुंस कोरोना से संक्रमित थे. हालांकि कुछ दिनों बाद इलाज की मदद से दोनों इस बीमारी से उबर भी गए, लेकिन फिर पता चला कि इनके फेफड़े इस वायरस के कारण खराब हो गए हैं. ऐसे में दोनों मरीजों के दोनों फेफेड़े बदलने पड़े.


भारतीय मूल के डॉक्टर ने किया दोनों ट्रांसप्लांट


बीते 5 जून को मायरा का डबल लंग ट्रांसप्लांट करवाया गया और करीब 40 दिन बाद वो अस्पताल से डिस्चार्ज हो पाईं. इसी तरह की कहानी ब्रायन कुंस की भी थी. उन्हें भी अपने दोनों फेफड़ों को बदलवाना पड़ा. 62 साल के कुंस का सर्जरी 5 जुलाई को की गई.


इस पूरे मामले में खास बात ये है कि दोनों की सर्जरी भारतीय मूल के डॉक्टर अंकित भरत ने की. उन्होंने बताया, “कोरोना संक्रमित हर मरीज का फेफड़ा ट्रांस्प्लांट नहीं होता है लेकिन जब कोई विकल्प नहीं बचता तो कभी कभी ऐसा करना भी पड़ता है.”


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