Maya civilization: अमेरिका की माया सभ्यता के बारे में तो सभी सुना होगा, लेकिन माया सभ्यता को लेकर जो नए खुलासे हुए हैं वह हैरान कर देने वाले हैं. मैक्सिको के युकाटन प्रायद्वीप में स्थित चिचेन इट्जा को विश्व धरोहर स्थलों में गिना जाता है. हमेशा से कहा जाता है कि यहां की माया सभ्यता में बलि प्रथा थी, क्योंकि मंदिरों, पवित्र सिंकहोल और जमीन के अंदर छुपी गुफाओं से सैकड़ों हड्डियां मिली हैं. माया शहर को लेकर हमेशा से यह धारणा रही है कि यहां पर जवान कुंवारी लड़कियों की बलि दी जाती थी, लेकिन नए शोध में कुछ अलग ही सामने आया है. 


नेचर जर्नल में बुधवार को प्रकाशित रिसर्च में दावा किया गया है कि माया सभ्यता में लड़कियों के अलावा पुरुषों और बच्चों की भी बलि दी जाती थी. पुरातत्वविदों ने बताया कि 64 हड्डियों का डीएनए टेस्ट करने के बाद इस बात का पता चला है. रिसर्च का विश्लेषण करने के बाद पता चला कि बलि देने के बाद शवों को गुफाओं में दफ्ना दिया जाता था. रिसर्च में पाया गया कि ये सभी हड्डियां युवा लड़कों की थी, जो आपस में करीबी रिश्तेदार थे. 


हड्डियों के बारे में वैज्ञानिकों ने क्या बताया?
जर्मनी के लीपजिग में मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर इवोल्यूशनरी एंथ्रोपोलॉजी में आर्कियोजेनेटिक्स विभाग के शोधकर्ता रोड्रिगो बारक्वेरा ने माया सभ्यता के बारे में डिटेल में जानकारी दी है. उन्होंने बताया 'हम सोच रहे थे कि हमें ज्यादातर लड़कियों के अवशेष मिलेंगे, लेकिन हम चौंके तब जब हमें पता चला कि रिसर्च वाली हड्डियों में से कुछ जुड़वां बच्चे भी थे.' कंकालों के विश्लेषण से मिली जानकारी पर जवाब देते हुए पुरातत्वविद और प्रोफेसर रुबेन मेंडोजा ने कहा, 'यह आम धारणा रही है कि माया सभ्यता में जवान लड़कियों की बलि दी जाती थी, हद तक यह लगत है. वास्तव में यहां पर किसकी बलि दी जाती थी, इसका सही अंदाजा लगाना मुश्किल है. क्योंकि सिर्फ हड्डियों के विश्लेषण से पूरी जानकारी नहीं मिल पाती है.'


माया सभ्यता में 500 साल तक किया गया गुफाओं का प्रयोग
रिसर्च करने वाली टीम ने 100 में से 64 पुराने डीएनए को निकाला और उसका अध्ययन किया. ये अवशेष पानी के चुल्टुन में बिखरे हुए पाए गए थे. यह एक जमीन के अंदर छुपा कमरा है, जिसे चिचेन इट्जा में साल 1967 में पवित्र सिंकहोल से लगभग 400 मीटर की दूरी पर खोजा गया था. टीम ने पाया कि इन गुफाओं का उपयोग 500 सालों तक किया गया था. टीम ने जिन अवशेषों का अध्ययन किया वह 800 से 1,000 ईस्वी के बीच के थे, जब माया सभ्यता अपने चरम पर थी.


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