ओस्लो: मां-बाप अपने बच्चे को खून पसीने से सींच कर बड़ा करते हैं और उनके लिए बच्चे ही उनकी दुनिया होती है. लेकिन जब उनके लाडले को उनसे अलग कर दिया जाता है तो इसका दर्द बर्दाश्त के बाहर हो जाता है. एक ऐसी ही पीड़ा यूरोप के मुल्क नॉर्वे में रह रहे एक भारतीय मूल के माता-पिता की है.
दरअसल, नॉर्वे प्रशासन ने इस भारतीय मूल के माता-पिता से इनके पांच साल के बेटे को अलग कर दिया.
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक बच्चे के पिता अनिल कुमार नॉर्वे में एक रेस्टोरेंट चलाते हैं. अनिल कुमार ने बताया कि 13 दिसंबर को उनके साढ़े पांच साल के बेटे को नॉर्वे के चाइल्ड वेलफेयर एसोशिएसन डिपार्टमेंट ने साढ़े नौ बजे स्कूल से ही अपने कस्टडी में ले लिया. इतना ही नहीं कुमार ने यह भी बताया कि ठीक उसी दिन 10 बजे चार पुलिस वाले उनके घर पहुंचे और उनकी पत्नी गुरविंदर कौर को भी अपनी कस्टडी में ले गए, जहां उनसे 11 बजकर 15 मिनट से लेकर 2.45 मिनट यानि साढ़े तीन घंटे तक पूछताछ की.
बच्चे को नॉर्वे के चिलड्रेन वेलफेयर होम में ले जाया गया है जो हमार में स्थित है और यह ओस्लो शहर से 150 किलोमीटर दूर है. अनिल ने जब इसका कारण पूछा तो नॉर्वे के अधिकारियों का कहा कि उनपर आरोप है कि वह बच्चे को पीटते हैं. कुमार पंजाब मूल के भारतीय है और पिछले 26 सालों ने नॉर्वे में रह रहे है.
उन्होंने बताया कि इस घटना को लेकर उन्होंने दिल्ली के बीजेपी नेताओं से बातचीत कर मदद की गुहार लगाई है. आपकों बता दें कि कुमार ओस्लो में बीजेपी ओवरसीज फ्रेंड्स के वाइस प्रेसिडेंट हैं. अनिल ने बताया कि वो 14 और 16 दिसंबर को नॉर्वे के चाइल्ड वेलफेयर के अधिकारियों से दो बार मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन अब तक उन्होंने कोई सबूत पेश नहीं किया है. हांलाकि उनका कहना है कि बच्चे का अच्छी तरह से खयाल रखा जा रहा है और उसे उसके पसंद का भारतीय भोजन खाने को दिया जा रहा है.
कुमार के साथ हुआ यह पहला मामला नहीं है. पिछले पांच सालों में यह तीसरी बार हुआ है जब नॉर्वे प्रशासन ने वहां रह रहे एनआरआई से उनके बच्चे को अलग कर दिया है.