China On America: अमेरिका की ओर से आयोजित डेमोक्रेसी सम्मेलन को लेकर चीन भड़क उठा है. चीन ने अमेरिका पर विभाजन और टकराव को भड़काने के लिए लोकतंत्र को जनसंहार के हथियार के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. शनिवार को चीन ने बाइडन प्रशासन द्वारा आयोजित लोकतंत्र के लिए शिखर सम्मेलन की आलोचना की. चीन ने इस सम्मेलन को उसके उदय को रोकने और अलग-थलग करने के लिए, अमेरिका द्वारा बनाया जा रहा एक नए मोर्चा करार दिया.


PM मोदी समेत 100 से अधिक नेता हुए शामिल


दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 100 से अधिक नेताओं ने भाग लिया. यह सम्मेलन निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने, मानवाधिकारों की रक्षा और भ्रष्टाचार से लड़ने में प्रगति का मूल्यांकन करने के आह्वान के साथ शुक्रवार को संपन्न हुआ. अमेरिका ने चीन और रूस को आमंत्रितों की सूची से हटा दिया था लेकिन बीजिंग स्वशासी द्वीप ताइवान को आमंत्रित किए जाने पर गुस्से में है, जिसे चीन ने 'वन चाइना' नीति का घोर उल्लंघन बताया, चीन ताइपे को चीनी मुख्य भूभाग का अभिन्न अंग मानता है.


चीनी विदेश मंत्रालय का सम्मेलन को लेकर हमला


चीनी विदेश मंत्रालय पिछले कुछ हफ्तों से शिखर सम्मेलन को लेकर लगातार हमला बोल रहा है. चीन ने अमेरिका पर लोकतंत्र के नाम पर विभाजन का आरोप लगाते हुए एक लंबा बयान जारी किया. जिसमें कहा गया, “लोकतंत्र के नाम पर बंटवारे और टकराव को भड़काना इतिहास में लौटना है, और यह दुनिया में उथल-पुथल और आपदा के अलावा कुछ नहीं लाएगा.”


चीन ने कहा कि लंबे समय से अमेरिका अपनी राजनीतिक व्यवस्था और मूल्यों को दूसरों पर थोपता रहा है, तथाकथित "लोकतांत्रिक सुधारों" पर जोर देता रहा है, एकतरफा प्रतिबंधों का दुरुपयोग करता रहा है और "रंग क्रांतियों" को उकसाता रहा है, जिसके विनाशकारी परिणाम हुए हैं. 


बयान में कहा गया, “लोकतंत्र अमेरिका द्वारा अन्य देशों के मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले जनसंहार का एक हथियार बन गया है.” साथ ही कहा कि अमेरिकी लोकतंत्र के लिए शिखर सम्मेलन ने वैचारिक रेखा खींची है और लोकतंत्र को एक उपकरण और एक हथियार में बदल दिया है.