China की चालबाजी को देखते हुए अमेरिका (America) ने बड़ा कदम उठाया है. एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अमेरिका ने अपने मित्र देशों के साथ गठजोड़ कर ग्रेटर कोआपरेशन के जरिए काम करने की अपील की है. अमेरिका की ओर से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति व्‍यवस्‍था को कायम रखने के लिए ये कदम उठाया गया है. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की ओर से इस संबंध में एक बयान भी जारी किया गया है. अमेरिका ने कहा है कि चीन की सेना की आक्रामकता को रोकने और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए ये कदम बहुत ही जरूरी है. ऐसे में अमेरिका ने आस्‍ट्रेलिया और प्रशांत क्षेत्र के कई दीपों पर इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर का निर्माण करवाने और रोटेशपल बेस पर एयरक्राफ्ट की तैनाती की योजना बनाई है. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय का कहना है कि सितंबर में ही इसका खाका तैयार कर लिया गया था.


बता दें कि बीते कुछ महीने से चीन के मुद्दे पर विचार करने के बाद अमेरिकी सरकार और अमेरिकी रक्षा मंत्रालय इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि चीन को हर हाल में रोकना बहुत ही जरूरी है. बता दें कि चीन और अमेरिका के बची कई मुद्दों को लेकर तनातनी है. दोनों के बीच तनातनी में चीन में जारी मानवाधिकार उल्‍लंघन के अलावा ताइवान और दक्षिणी चीन सागर का भी मुद्दा शामिल है.


अमेरिका के रक्षा मंत्रालय पेंटागन के एक वरिष्‍ठ अधिकारी के मुताबिक चीन लगातार अपनी सेना का आधुनिकिकरण कर रहा है. पेंटागन के एक अधिकारी ने सीएनएन से बात करते हुए  कि चीन लगातार अपनी सेना को अपग्रेड कर रहा है. एक हफ्ते पहले ही अमेरिका की ओर से चीन के इन कदमों पर सोच विचार की थी.


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