नई दिल्ली: कोरोना वायरस को लेकर चीन से नाराज अमेरिका उसको सबक सिखाने के मूड में दिख रहा है. दक्षिण सागर को लेकर दादागिरी दिखा रहे चीन को अमेरिका ने फिर धमकाया है. अमेरिका ने दो टूक कहा है कि चीन को अपनी इन हरकतों से बाज आना चाहिए नहीं तो उसके अधिकारियों और कारोबारियों को अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है.


इतना ही नहीं अमेरिका ने चीन पर हर तरफ से दवाब बनाने की ठान ली है और इसी के मद्देनजर अमेरिका ने हजारों सैनिकों को ऑस्‍ट्रेलिया से लेकर जापान तक पूरे एशिया में तैनात करने जा रहा है.


इस संदर्भ में पूर्वी एशियाई और प्रशांत मामलों के लिए सहायक विदेश मंत्री डेविड स्टिलवेल ने कड़ा बयान जारी किया. उन्होंने कहा कि अमेरिका के सख्त रुख का मतलब यह है कि इन समुद्री मुद्दों पर हम तटस्थ और मूकदर्शक नहीं बने रह सकते.


उन्होंने लद्दाख में चीन की हाल में ही नापाक चाल पर इशारों-इशारों में निशाना साधते हुए कहा कि चीन द्वारा पड़ोसियों के इलाके को जबरन हड़पने, नए दावे ठोकना और सैन्य जमावड़ा बढ़ाना एक खतरनाक कदम है. इसका असर पूरे क्षेत्र पर तो पड़ेगा ही, चीन-अमेरिका रिश्ते को भी बुरी तरह प्रभावित करेगा.


चीन की प्रतिक्रिया


वहीं इस पूरे मामले पर चीन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह किसी बात की परवाह नहीं करता है. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने प्रतिबंधों की धमकी पर कहा कि यह इस क्षेत्र को अस्थिर करने और समस्याओं को बढ़ाने वाला ताजा कदम है. हम इसकी परवाह नहीं करते.


बता दें कि कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप चीन से इस वायरस को लेकर काफी नाराज हैं और कई मौकों पर चीन को सबक सिखाने की बात कर चुके हैं.