नोम पेन्ह: चीन (China) और कंबोडिया (Cambodia ) के अधिकारियों ने विवादास्पद नौसैन्य बंदरगाह विस्तार परियोजना  (Naval Port Expansion Project) की बुधवार को शुरुआत की . उन्होंने अमेरिका (US) की इन चिंताओं को खारिज किया कि थाईलैंड की खाड़ी में इस बंदरगाह का इस्तेमाल चीन नौसैन्य ठिकाने के तौर पर कर सकता है.


इससे पहले कंबोडिया ने चीन के सहयोग से शुरू हो रही बंदरगाह विस्तार की परियोजना को लेकर एक बार फिर सफाई देते हुए कहा है कि इस बंदरगाह पर चीनी सेना की उपस्थिति नहीं होगी. उल्लेखनीय है कि इस बंदरगाह को लेकर अमेरिका में चिंता है और उसे आशंका है कि थाईलैंड की खाड़ी में इस बंदरगाह का इस्तेमाल चीन नौसैनिक ठिकाने के तौर पर कर सकता है.


कंबोडियाई सरकार के मुख्य प्रवक्ता फे सिफान ने कहा कि रीम नौसेना ठिकाने का विस्तार ‘‘चीन और कंबोडिया के सहयोग’’का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि कंबोडिया में चीन के राजदूत बुधवार को यहां के रक्षामंत्री और अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ ‘‘ग्राउंड ब्रेकिंग’’समारोह की अध्यक्षता करेंगे.


वाशिंगटन पोस्ट की खबर का खंडन किया
सिफान ने हालांकि, वाशिंगटन पोस्ट अखबार में चीनी अधिकारी के हवाले से छपी खबर का खंडन किया है. इस खबर में अधिकारी के हवाले से कहा गया था कि कांबोडिया के उत्तरी हिस्से स्थित इस ठिकाने का इस्तेमाल चीन की सेना करेगी.


ये संविधान का उल्लंघन होगा
सिफान ने कहा कि विदेशी सेना की मेजबानी करना कंबोडिया (Cambodia) के संविधान का उल्लंघन होगा और चीन के साथ बंदरगाह के निर्माण के लिए हुए समझौते में उनके देश ने कोई बदलाव नहीं किया है. उन्होंने टेलीफोन पर दिए गए इंटरव्यू में कहा, ‘मेरा मानना है कि यह बड़ा आरोप है.’’  सिफान ने कहा कि वह चीन (China) की संलिप्तता के स्तर पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि परियोजना पोतों के मरम्मत की सुविधा तक सीमित है.


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