China and Russia joint Military Exercise: चीन और रूस ने रविवार (23 जलाई) को जापान सागर में चार दिवसीय नॉर्दर्न/इंटरेक्शन-2023 संयुक्त अभ्यास का आयोजन किया. इस संयुक्त अभ्यास में दोनों देशों की नौसेनाओं ने एक साथ लाइव फायर ड्रिल भी की. इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों के संबंध को मजबूत करना और दोनों देशों के बीच सुरक्षा मोर्चे पर उच्च स्तर के सैन्य सहयोग को सुनिश्चित करना है. संयुक्त अभ्यास के दौरान जापान के नजदीक चीनी और रूसी लड़ाकू विमानों ने एक साथ उड़ान भरी. 


अमेरिका ने की युद्धाभ्यास की निगरानी 
इस युद्धाभ्यास को जापान के नजदीक आयोजित किया गया था जिसकी अमेरिका ने भी निगरानी की है. बता दें की चीन और रूस का जापान के साथ द्वीपों को लेकर पुराना विवाद है और जापान की अमेरिका के साथ नजदीकी भी चीन और रूस के लिए चुनौती है. जापान में अमेरिकी नौसेना के सातवें बेड़े का मुख्यालय है. अमेरिकी युद्धपोतों और जासूसी जहाजों ने चीन और रूस के संयुक्त अभ्यास की निगरानी की है.  


चीनी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने बताया है कि इस युद्धाभ्यास के बाद अब दोनों देश प्रशांत महासागर में संयुक्त नौसैनिक और हवाई गश्त आयोजित करेंगे. 


युद्धाभ्यास उद्देश्यों के सफल समापन की घोषणा 
चीन और रूस ने विशेष रूप से अभ्यास के दौरान कई प्रशिक्षण उद्देश्यों के सफल समापन की घोषणा की है. नौसेना के बयान के अनुसार चीन और रूस के सैन्य अभ्यास में दोनों देशों की नौसेना और वायु सेनाओं ने समुद्री-वायु इंट्रीग्रेटेड एस्कॉर्ट और डेटरेंस एक्सपल्शन सहित कई ट्रेनिंग ऑब्जेक्ट्स को पूरा किया. एक्सरसाइज के दौरान ज्वाइंट फॉर्मेशन से कॉम्बेट ग्रुप बनाकर युद्धपोत पर तैनात हथियारों से सतह से हवा में गोलीबारी का अभ्यास भी किया.


चीनी सैन्य विशेषज्ञ और टीवी कमेंटेटर सोंग झोंगपिंग ने सोमवार (24 जुलाई) को ग्लोबल टाइम्स को बताया कि अभ्यास में एंटी सी माइंस, एंटी एयरक्राफ्ट, एंटी शिप और एंटी सबमरीन ऑपरेशन को अंजाम दिया गया है.


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