विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ऐसा क्या कहा कि भड़क गया 'चीन', ग्लोबल टाइम्स में दी चेतावनी
India-China Border: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के हालिया टिप्पणी पर चीन ने जमकर जहर उगला है. चीन ने कहा कि एस जयशंकर का बयान चीनी संप्रभुता का उल्लंघन करने वाला है.
India-China Border: चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के एक बयान पर कड़ी आपत्ति जाहिर की है. ग्लोबल टाइम्स ने चीनी विशेषज्ञों के हवाले से कहा कि एस जयशंकर का बयान चीन की संप्रुभता का उल्लंघन है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, 'भारत के विदेश मंत्री ने हाल में दिए एक इंटरव्यू में भारत की मंशा दोहराई है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि द्विपक्षीय संबंध सीमा की शांति पर निर्भर करते हैं. जयशंकर ने यह भी कहा कि बाकी मुद्दे एलएसी पर गश्त का अधिकार और उसके आसपास घूमते हैं.'
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, 'चीन के विद्वानों और रक्षा विशेषज्ञों ने एस जयशंकर की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई है. चीनी विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के विदेश मंत्री का बयान विवादित क्षेत्र को भारत के कब्जे में बताने का प्रयास है, जो चीनी संप्रभुता को घोर उल्लंघन है.' दरअसल, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में कहा था कि 'भारत और चीन का द्विपक्षीय संबंध सीमा की शांति पर निर्भर करता है, जो मौजूदा समय में नहीं है.'
पीएम मोदी के टिप्पणी का जयशंकर ने किया था जिक्र
पिछले महीने न्यूजवीक को दिए साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि चीन और भारत की सीमा को तत्काल संबोधित करने की जरूरत है. भारत और चीन के बीच स्थिर और शांतिपूर्ण माहौल न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है. पीएम मोदी कि इस टिप्पणी पर बोलते हुए एस जयशंकर ने कहा कि 'आज चीन के साथ हमारे रिश्ते सामान्य नहीं हैं, क्योंकि सीमा पर शांति भंग हो गई है.' जयशंकर ने कहा कि चीन को पीएम मोदी के बयान के बाद यह एहसास होन जाना चाहिए कि मौजूदा स्थिति उसके हित में नहीं है.
चीन ने बताया संप्रभुता का उल्लंघन
चीनी न्यूज ग्लोबल टाइम्स ने शंघाई एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज के एक रिसर्च फेलो हू झियोंग के हवाले से कहा, 'एस जयशंकर की टिप्पणियों को लेकर चीन को अत्यधिक सतर्क रहना चाहिए.' हू झियोंग ने कहा कि एस जयशंकर की 'गश्ती अधिकार' वाली टिप्पणी मौजूदा विवादित क्षेत्रों को भारतीय क्षेत्र में शामिल करती है. यह चीनी संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन है. झियोंग ने कहा, 'एक तरफ पीएम मोदी चीन-भारत सीमा मुद्दे को कम महत्व देते हैं, दूसरी तरफ जयशंकर इसपर सख्त रुख अपना रहे हैं. इससे संकेत मिलता है कि पीएम मोदी के रवैये में नरमी केवल भारत में चल रहे लोकसभा चुनावों के लिए हो सकती है.
चीन ने भारत पर लगाया उकसाने का आरोप
चीनी सैन्य विशेषज्ञ झांग जुनशे ने सोमवार को ग्लोबल टाइम्स से कहा कि भारत के विदेश मंत्री चीन पर आरोप लगाकर संभवतः भारत को सीमा विवाद के मुद्दे से बाहर करना चाहते हैं. झांग जुनशे ने कहा कि सीमा पर विवाद होने की वजह भारत की तरफ से किया जा रहा उकसावा है. झांग ने कहा कि भारत उकसाना बंद कर देगा तो सीमा पर शांति बहाल हो सकती है. झांग ने यह भी कहा कि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के बीच सीमा विवाद को दूर रखना चाहिए.
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